विसर्जन के बाद भी बरसेगा गणपति का आशीष, वातावरण को महकाएंगे ट्री गणेशा
मिट्टी की प्रतिमा में फल, फूल के पेड़ों के हैं बीज, गार्डन, गमलों व आसपास होगा विसर्जन। आगरा कथक क्लब बनवाने के साथ ही कर रहा वितरण।
आगरा(अंबुज उपाध्याय): विसर्जन के बाद इस बार गणपति बप्पा आपके बगीचे और घर के आसपास के वातावरण को महकाएंगे। इस बार विशेष रूप से तैयार मिट्टंी की प्रतिमाओं में फल और फूलों के पेड़ों के बीज भी रखे गए हैं। इनको घर के गार्डन में गमलों या आसपास ही विसर्जित किया जाएगा। इससे नदियों में होना वाला प्रदूषण भी रुकेगा और हरियाली को बढ़ावा मिलेगा।
भगवान गणेश की इन प्रतिमाओं को मांग के अनुरूप विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है। उनकी सजावट में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाएगा। इनको 'ट्री गणेशा' नाम दिया गया है। इन विशेष प्रतिमाओं का निर्माण आगरा कथक क्लब करवा रहा है। इन विशेष गणेश प्रतिमाओं का वितरण भी संस्था के सदस्य कर रहे हैं। पर्यावरण नहीं होगा प्रदूषित:
क्लब की अध्यक्ष ज्योति खंडेलवाल ने बताया कि लंबे समय से मन में विचार चल रहा था कि प्रतिमाओं के विसर्जन से होने वाले जल प्रदूषण को कैसे रोका जाए। यमुना संरक्षण की बात तो सभी करते हैं लेकिन धार्मिक आस्था के नाम पर पवित्र नदी को गंदा करने से नहीं चूकते। क्लब की बैठक में सदस्य रचना श्रीवास्तव ने ट्री गणेशा का सुझाव दिया था। कुंभकार उनकी योजना के अनुसार प्रतिमा बनाने को तैयार हो गए। इससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा। अच्छी पहल:
111 रुपये की है सबसे छोटी छह इंच की प्रतिमा
500 रुपये कीमत है सबसे बड़ी चार फुट बड़ी प्रतिमा की
35 लोग अब तक ले चुके हैं पूजा के लिए ट्री गणेशा
02 दर्जन से अधिक के आर्डर मिल चुके हैं बनाने के लिए