Compensation: अच्छी खबर, सुविधाओं में देरी पर बिजली विभाग देगा मुआवज
Compensation मुआवजा कानून से उपभोक्ता अनजान। बिजली कनेक्शन मीटर बदलना लोड बढ़ाने का समय तय।
आगरा, जागरण संवाददाता। बिजली विभाग उपभोक्ताओं की सुविधा प्रदान करने में मनमानी करता है। उपभोक्ता दफ्तर के चक्कर लगाते-लगाते थक जाते हैं पर उनका काम नहीं होता। इसकी वजह वे मुआवजा कानून से अनजान हैं। इसके तहत समय सीमा में कार्य नहीं करने पर बिजली विभाग को उपभोक्ता को मुआवजा देना होगा।
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) आगरा देहात सहित 21 जिलों में बिजली सप्लाई करता है। डीवीवीएनएल के आगरा में लगभग साढ़े चार लाख उपभोक्ता हैं। इनमें से कई विभाग की मनमानी से परेशान हैं। किसी को गलत बिल मिल रहा है तो कोई लोड बढ़ाने के लिए विभाग के चक्कर लगा रहा है। बिजली विभाग उपभोक्ताओं का जमकर उत्पीडऩ कर रहा है। इसकी वजह उपभोक्ता स्टैंडर्ड आफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन-2019 से अंजान हैं। नियामक आयोग ने इसे जारी कर शासन को भेजा दिया है। इसके साथ ही सुविधा में देरी होने पर मुआवजा देने का कानून लागू हो गया।
ये हैं नियम
उपभोक्ताओं को मुआवजा कानून लागू करने वाला यह उप्र देश का पहला राज्य बन गया। उप्र विद्युत नियामक आयोग ने केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर 16 दिसंबर को स्टैंडर्ड आफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन-2019 जारी किया। कानून का ब्योरा राज्य सरकार को भेजा गया था। कानून के तहत मुआवजे की रकम को उपभोक्ताओं की बिजली दर में शामिल नहीं किया जाएगा। स्वामित्व स्थानांतरण, जले मीटर बदलना, लोड घटाना-बढ़ाना, खराब मीटर बदलना, बिजली लाइन शिङ्क्षफ्टग, बिल संशोधन तय समय अवधि में नहीं किया गया तो विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। विभाग द्वारा मुआवजा देने में लापरवाही बरतने पर वो उपभोक्ता फोरम में आवेदन कर सकता है।
कार्य करने की समय अवधि
स्वामित्व स्थानांतरण- तीन दिन
जले मीटर बदलना- तीन दिन
लोड घटाना-बढ़ाना - एक महीना
खराब मीटर बदलना- 15 दिन
बिजली लाइन शिङ्क्षफ्टग - सात दिन
बिल संशोधन एक महीना
(नोट : दिनों की गिनती आवेदन करने के बाद से शुरू होगी)
ये है मुआवजा
बिजली की कम आपूर्ति पर मुआवजा।
- शहरी क्षेत्र में 20 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटा।
- ग्रामीण क्षेत्र में दस रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटा।
- सामान्य फ्यूज उडऩे पर 50 रुपये प्रतिदिन।
- ओवरहेड लाइन में कमी होने पर सौ रुपये प्रतिदिन।
- भूमिगत केबिल पर सौ रुपये प्रतिदिन।
- ग्रामीण क्षेत्र में ट्रांसफारमर पर 150 रुपये प्रतिदिन।
- मीटर रीङ्क्षडग पर दो सौ रुपये प्रतिदिन।
- खराब मीटर बदलने पर 50 रुपये प्रतिदिन।
- जला मीटर बदलने पर 50 रुपये प्रतिदिन।
- ट्रांसफारमर से वोल्टेज समस्या होने पर 50 रुपये प्रतिदिन।
- वोल्टेज के लिए नई लाइन में देरी होने पर सौ रुपये प्रतिदिन।
-छह फीसद कम व ज्यादा वोल्टेज होने पर 50 रुपये प्रतिदिन।
- बिल संबंधी शिकायत का समाधान तय समय न होने पर 50 रुपये प्रतिदिन।
-लोड घटाने व बढ़ाने में देरी होने पर 50 रुपये प्रतिदिन।
-कनेक्शन खत्म करने में देरी होने पर 50 रुपये।
-काल्पनिक बकाया बढ़ाने पर सौ रुपये प्रतिदिन।