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निर्माण परियोजनाओं का करना होगा डस्ट आडिट

-पीटीजेड कैमरा लगाना होगा सíदयों में वायु प्रदूषण और स्माग को रोकने की कवायद

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 06:40 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 06:40 AM (IST)
निर्माण परियोजनाओं का करना होगा डस्ट आडिट
निर्माण परियोजनाओं का करना होगा डस्ट आडिट

आगरा, जागरण संवाददाता। सíदयों में बढ़ने वाले वायु प्रदूषण और स्माग को नियंत्रण में रखने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने कमर कस ली है। सरकारी विभागों को निर्माण परियोजनाओं का 10 अक्टूबर तक सेल्फ डस्ट आडिट करने और साइट पर पैन टिल्ट जूम (पीटीजेड) कैमरा लगाने के निर्देश दिए हैं। पीटीजेड कैमरे से यूपीपीसीबी कभी भी प्रोजेक्ट पर मानकों के पालन और धूल उड़ने की स्थिति जाच सकेगा।

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प्रमुख सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने 16 सितंबर को लखनऊ में सíदयों में वायु प्रदूषण और स्माग को रोकने के लिए राज्य स्तरीय एयर क्वालिटी मानीटरिंग कमेटी की बैठक की थी। इसमें सभी निर्माण परियोजनाओं को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण)अधिनियम, 1981 के तहत 10 अक्टूबर तक सेल्फ डस्ट आडिट करने और साइट पर पीटीजेड कैमरा लगाने के निर्देश दिए गए हैं। संबंधित विभागों को समस्त निर्माण परियोजनाओं का यूपीपीसीबी के पोर्टल

स्त्रह्वह्यह्लड्डश्चश्च.ह्वश्चद्गष्श्च.द्बठ्ठ पर सेल्फ डस्ट ऑडिट करना होगा। उन्हें साइट्स पर पीटीजेड कैमरा लगाने के बाद उसकी एक्सेस यूपीपीसीबी के ईमेल ह्वश्चश्चष्ढ्ड.ष्श्रठ्ठह्लह्मश्रद्यह्मश्रश्रद्व@द्दद्वड्डद्बद्य.ष्श्रद्व पर उपलब्ध करानी होगी। इससे परियोजना में धूल उड़ने से रोकने को मानकों के अनुपालन की स्थिति यूपीपीसीबी कभी भी देख सकेगा।

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इन शहरों में करनी होगी व्यवस्था

राज्य स्तरीय एयर क्वालिटी मानीटरिंग कमेटी ने प्रदेश के वायु प्रदूषण की दृष्टि से 16 नान-अटेनमेंट शहरों में निर्माण परियोजनाओं में सेल्फ डस्ट आडिट और पीटीजेड कैमरा लगाने के निर्देश दिए हैं। इनमें आगरा के अलावा लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद, नोएडा, खुर्जा, गजरौला, अनपरा, मुरादाबाद, फीरोजाबाद, बरेली, रायबरेली, झासी व मेरठ। नान-अटेनमेंट शहर वो हैं, जहा पिछले कुछ वर्षो से एयर क्वालिटी इंडेक्स 60 से अधिक बना हुआ है।

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क्या है पीटीेजेड

पीटीजेड यानी पैन टिल्ट जूम कैमरा 360 डिग्री रेडियस पर घूमने वाला कैमरा होता है। यानी, प्रोजेक्ट साइट के किसी भी एंगल पर धूल उड़ी तो यह कैमरे की आंख से बच नहीं पाएगी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कंट्रोल रूम तुरंत सतर्क हो जाएगा।


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