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ताजमहल की रेकी को तो नहीं उड़ाया गया उच्च तकनीकी युक्त ड्रोन

ड्रोन के आकार, उड़ान की ऊंचाई से अनुमान लगा रहीं सुरक्षा एजेंसियां। ताज में और यलो जोन में तैनात सुरक्षाबलों के बारे में जानता था उड़ाने वाला।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 03:02 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 05:58 PM (IST)
ताजमहल की रेकी को तो नहीं उड़ाया गया उच्च तकनीकी युक्त ड्रोन
ताजमहल की रेकी को तो नहीं उड़ाया गया उच्च तकनीकी युक्त ड्रोन

आगरा, अली अब्बास। ताज के मुख्य गुंबद पर पांच मिनट तक उडऩे के बाद ओझल हुएड्रोन की जांच में सुरक्षा एजेंसियां भी जुट गई हैं। उसके आकार और उड़ान की ऊंचाई से वह उच्च तकनीकी से युक्त बताया जा रहा है। इससे आशंका है कि उसे ताज की रेकी के लिए तो नहीं उड़ाया गया। इसने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है।

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बुधवार को ताज पर छह घंटे के दौरान दो बार ड्रोन उड़ाने की जांच में पुलिस के साथ सुरक्षा एजेंसियों ने भी अपने स्तर से शुरू कर दी है। इसके पीछे किसी साजिश की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा रहा। ड्रोन की गुणवत्ता उसके कैमरे, उड़ान की ऊंचाई और बैटरी की क्षमता से आंकी जाती है। पर्यटक जो ड्रोन कैमरे लेकर आते हैं वह 50 से 100 फीट ऊंचाई तक ही जाते हैं। वे इसे ताज के आसपास होटलों की छत या मेहताब बाग से उड़ाने की कोशिश करते हैं।

ताज के मुख्य गुंबद पर उड़ाया गया ड्रोन कैमरा 300 से ज्यादा फीट की ऊंचाई पर था। वह आसानी से नजर नहीं आ रहा था। इसके अलावा काफी देर तक आसपास के इलाके में उड़ा। इससे सुरक्षा एजेंसियां ड्रोन को उच्च तकनीकी का मान रही हैं। आशंका है कि उसे उड़ाने वाले को ताज के अंदर और बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियोंके बारे में अच्छी तरह से पता था। इसीलिए ड्रोन को ऐसे स्थान से उड़ाया गया कि वह पकड़ में नहीं आ सके। इससे आशंका है कि कहीं उसे ताज और वहां तैनात सुरक्षा बलों की रेकी के लिए तो नहीं उड़ाया गया था।

चीन और अमेरिका ने बनाए हैं पक्षी के आकार के ड्रोन

अभी तक चीन और अमेरिका ही पक्षी के आकार का ऊंचाई पर उडऩे वाला ड्रोन बना सके हैं। इसके आधार पर पुलिस और जांच एजेंसियां ताज देखने आए अमेरिकी और चीनी पर्यटकों की जानकारी कर रही हैं।

किसी गेस्ट हाउस में ठहरने की आशंका

ड्रोन उड़ाने वाले के किसी गेस्ट हाउस में ठहरने की आशंका है। बड़े होटलों में हाई सिक्योरिटी के साथ कई सुरक्षा चक्रों से भी गुजरना पड़ता है। जबकि गेस्ट हाउस में ऐसा नहीं है। वहीं बड़े होटलों ने ताज पर ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध के पंफलेट लगा रखे हैं। अपने यहां आने वाले पर्यटकों को इस बारे में पहले से आगाह भी किया जा रहा है।

ड्रोन उड़ाने पर होटलों पर हो चुके हैं मुकदमे

पर्यटकों के ड्रोन उड़ाने पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने पिछले साल कई होटल संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद से इन होटलों में ठहरने वाले पर्यटकों द्वारा ड्रोन उड़ाने के मामलों में कमी आयी है।

रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर लगाने होंगे होर्डिंग

ताज पर ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध के बारे में विदेशी पर्यटकों को पता नहीं होता है। उन्हें जागरूक करने के लिए रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर होर्डिंग लगाने होंगे। इन पर ड्रोन के साथ ही पकड़े जाने पर जब्त करने एवं भारी भरकम जुर्माना लगाने के स्पष्ट दिशा-निर्देश होने से इस तरह की घटनाएं रुक सकती हैं।

कब-कब उड़ा ड्रोन

  • 10 अगस्त 2018: इजरायल के पर्यटक ने ड्रोन उड़ाकर फोटो शूट किए।
  • 16 अप्रैल 2018: ताज के पश्विमी गेट पर ड्रोन उड़ाने की सूचना पर पुलिस की कवायद।
  • 20 फरवरी 2018: ताजगंज के एक होटल में ठहरे न्यूजीलैंड के पर्यटक को ड्रोन उड़ाने से रोका।
  • 10 फरवरी 2018: ताज के दक्षिणी गेट के पास ड्रोन उड़ाया गया।
  • जनवरी 2018: ताज पर उड़ाया ड्रोन मेहताब बाग में बरामद।  

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