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नालों की सिल्ट उठाने में बरती जा रही लापरवाही

-नालों के किनारे सिल्ट पड़ी होने से लोगों को हो रही है परेशानी नाला सफाई का आज अंतिम दिन - नगर निगम प्रशासन का दावा 90 फीसद नालों की हो चुकी है सफाई

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 08:00 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 08:00 PM (IST)
नालों की सिल्ट उठाने में बरती जा रही लापरवाही
नालों की सिल्ट उठाने में बरती जा रही लापरवाही

जागरण संवाददाता, आगरा : नगर निगम प्रशासन ने भले ही नाला सफाई का कार्य शुरू कर दिया हो लेकिन सिल्ट उठान में लापरवाही बरती जा रही है। सिल्ट का उठान पांच से छह दिनों के भीतर हो जाना चाहिए लेकिन आवास विकास, शाहगंज, लोहामंडी, ताजगंज, कमला नगर, जयपुर हाउस, केदारनगर, हरीपर्वत, मंटोला, काजीपाड़ा सहित अन्य क्षेत्रों में दस से 15 दिनों में इसका उठान किया जा रहा है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं शुक्रवार को नाला सफाई का अंतिम दिन है। निगम प्रशासन का दावा है कि 90 फीसद नाले साफ हो चुके हैं। शहर में 331 नाले हैं जिनमें 15 भूमिगत और 21 बड़े नाले हैं।

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सिल्ट न उठने से बारिश होने पर यह वापस नाले में बह जाएगी।

नगर निगम कार्यालय में नाला सफाई को लेकर तीन सप्ताह पूर्व हर दिन पांच से सात शिकायतें पहुंचती थीं लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 10 से 15 हो गई है।

सेनेटरी इंस्पेक्टर होंगे दोषी : मेयर नवीन जैन का कहना है कि अगर शहर में जलभराव होता है तो इसके लिए संबंधित सेनेटरी इंस्पेक्टर को दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। नाला सफाई की जिम्मेदारी सेनेटरी इंस्पेक्टरों की थी। वहीं सभी सेनेटरी इंस्पेक्टरों को जल्द से जल्द सिल्ट के उठवाने के आदेश दिए गए हैं।

मेयर साहब, मेरा नाला कब होगा साफ : नुनिहाई निवासी वीरभद्र ने मेयर नवीन जैन से नाला सफाई की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि नुनिहाई नाला अभी तक ठीक तरीके से साफ नहीं हुआ है।

मानकों के अनुसार एक भी नाला नहीं हुआ साफ : पार्षद मनोज सोनी का कहना है कि नाले की तलीझाड़ सफाई होनी चाहिए। नाला सफाई अंतिम छोर से शुरुआत तक होनी चाहिए। शहर में एक भी नाला ऐसा नहीं है जो मानकों को पूरा करते हुए साफ हुआ हो। ये होगी दिक्कत

- बारिश होने से सिल्ट वापस नाले में पहुंच जाएगी।

- सिल्ट रोड और गलियों में बिखर जाएगी, इससे पैदल और वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

- सिल्ट सूखने से मिट्टी उड़ती रहती है। फैक्ट फाइल

- नगर निगम के सौ वार्डों में पांच हजार मुहल्ले हैं।

- हर दिन 750 टन कूड़ा निकलता है।

- 400 टन सूखा कूड़ा, 350 टन गीला कूड़ा, 50 टन सिल्ट शामिल है।

- गीला कूड़ा से पांच स्थलों पर खाद तैयार की जाती है।

- सूखा कूड़ा को प्रासेस किया जाता है। यानी हर सामान को अलग-अलग किया जाता है।


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