महिला स्वास्थ्य को जागरूक कर रही हैं ताजनगरी की ये डाक्टर दीदी Agra News
बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ के लिए निकाली हैं रैली। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है नाम। फॉग्सी की सबसे कम उम्र की संयुक्त सचिव बनीं।
आगरा, जागरण संवाददाता। अपनी मां की सीख को जीवन का ध्येय बना लिया। मां ने जिस रास्ते पर पहला कदम रखवाया, उस रास्ते को अपनी मंजिल बना लिया। बेटियों को बचाने और बेटियों को पढ़ाने के लिए हमेशा तैयार रहने वाली डा. निहारिका मल्होत्रा शहर की युवा डॅाक्टर हैं, जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में फॉग्सी में संयुक्त सचिव के रूप में काम किया।
डा. निहारिका ने बचपन से अपनी मां डा. जयदीप मल्होत्रा को हर मोर्चे पर विजयी देखा। घर को संभालते हुए प्रोफेशनली भी नाम कमाते हुए देखा। पारिवारिक पृष्ठभूमि ऐसी थी कि डा. निहारिका भी डाक्टर बनीं। रेनबो और मल्होत्रा हॉस्पीटल में आइवीएफ कंसल्टेंट डा. निहारिका पिछले कई सालों से बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ की मुहिम चला रही हैं। उनके नेतृत्व में हर साल पहली जनवरी को रैली निकाली जाती है। इस रैली में शहर के स्कूल- कालेजों की प्रतिभागिता के साथ ही शहर के प्रमुख समाज सेवी संगठनों की भी भागीदारी रहती है।
साल 2018 में फॉग्सी के साथ मिलकर उन्होंने रन फॉर हर नाम से एक रैली निकाली थी। इस रैली को एक साथ 100 से ज्यादा शहरों में आयोजित किया गया था। इस रैली को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया था। यही नहीं, ब्रह्मकुमारी बहनों के साथ मिलकर वे अदभुत मातृत्व नाम से एक कार्यक्रम भी चला रही हैं। तंबाकू के खिलाफ भी डॉ. निहारिका ने मुहिम छेड़ रखी है। साल 2008 में अपने माता-पिता के साथ मिलकर भारत जागृति यात्रा निर्देशित की। यह यात्रा कन्या कुमारी से दिल्ली तक का सफर तय करके पहुंची। यात्रा का उद्देश्य गांवों में महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना था। देश में महिला स्वास्थ्य का पूरा डाटा तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के सुपुर्द किया। डॉ. निहारिका ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर बालिकाओं और महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां उपलब्ध कराती रहती हैं। बच्चियों को सुरक्षित रखने के लिए स्कूलों में 'गुड टच-बैड टच की कार्यशालाएं कराती हैं।
तैराक, डांसर और लिखती हैं कविताएं
एक अच्छी तैराक होने के साथ ही डॉ. निहारिका एक बेहतरीन कथक डांसर भी हैं। कविताएं भी लिखती हैं। आगरा शहर के दो निर्धन और दिव्यांग विद्यालयों को उन्होंने गोद लिया है। बच्चे उन्हें 'डाक्टर दीदी के नाम से जानते हैं। लंदन और जर्मनी से मेडिकल की पढ़ाई की। डा. निहारिका को मलेशिया में एस्पायर में यंग इनवेस्टिगेटर अवार्ड, युवा फॉग्सी अवार्ड के अलावा देश-विदेश में कई अवार्ड मिल चुके हैं।