डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में तीन घंटे में मिलेगी डिग्री!
कार्ययोजना हुई तैयार बनाया जा रहा है साफ्टवेयर चार्टों को स्कैन कर किया जाएगा डिजिटल रूप में
प्रभजोत कौर, आगरा:
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में आने वाले समय में तीन घंटे में डिग्री छात्र के हाथ में होगी। इसकी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। चार्टों का डिजिटलाइजेशन होते ही यह प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। इसके शुरु होने के बाद सालों से अपनी डिग्री के लिए चक्कर काट रहे हजारों छात्रों को राहत मिलेगी। रुके हुए हैं 24 हजार से ज्यादा आवेदन
तीन सालों में 45 हजार से ज्यादा आवेदन आए, जिनमें से वर्तमान में 24 हजार से ज्यादा डिग्री के आवेदन रुके हुए हैं। यहां दो-चार महीने नहीं बल्कि 700 दिन तक आवेदन लंबित रहते हैं। डिग्री पाने के लिए छात्रों ने कुलपति से लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक का दरवाजा खटखटाया है। ट्विटर से लेकर वीडियो और पत्र लिखकर अपने दर्द को बयां किया है। 2015 से पहले के दो लाख आफलाइन आवेदन विश्वविद्यालय के एक कोने में गठरियों में बंधे पड़े हैं। हजारों आवेदन विभागों की अलमारियों में बंद हैं। समस्या निराकरण को उठाए कदम
लगातार बढ़ती समस्या को देखते हुए कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने एक शिक्षक को डिग्री समस्या निराकरण के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी। उसके बाद कई कदम उठाए गए। डिग्रियों के लिए समूह बना दिए गए हैं, जिससे गलती तुरंत पकड़ में आ जाए। सत्यापित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। डिग्री विभाग में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जहां कैमरे पहले से लगे हैं उनको दुरुस्त कराया जाएगा। जिससे वहां हो रही हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के कर्मचारी भी डिग्री विभाग में नहीं आएंगे। डिग्री विभाग में डिग्रियों के विषयवार समूह बना दिए गए हैं। डिग्री के लिए आने वाले आवेदनों को कला, विज्ञान और कामर्स समूहों में बांट दिया जाएगा। इसके बाद डिग्री बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके साथ ही तय किया है कि असिस्टेंट रजिस्ट्रार जिस सत्यापित आवेदन पर हस्ताक्षर करेंगे, वही डिग्री प्रिंट होगी। कोई भी कर्मचारी अब अपनी मर्जी से डिग्री प्रिंट नहीं करा पाएगा।
बनाया जा रहा है साफ्टवेयर
परीक्षा समिति की बैठक में चार्टों को स्कैन करने के प्रस्ताव को मान लिया गया था। अब चार्टों को स्कैन करने के लिए साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। डिग्री प्रभारी प्रो. अनिल वर्मा ने बताया कि इस साफ्टवेयर के तैयार होते ही सभी चार्टों को स्कैन कर डिजिटल रूप में ले लिया जाएगा। उसके बाद जब भी कोई छात्र डिग्री के लिए आवेदन करेगा, तो तुरंत साफ्टवेयर के माध्यम से उसके अंकों का सत्यापन होगा। इस समय सत्यापन की प्रक्रिया काफी लंबी है। साफ्टवेयर की मदद से यह प्रक्रिया छोटी हो जाएगी। सत्यापित होते ही डिग्री प्रिट के लिए चली जाएगी।
वर्जन डिग्री की समस्याएं जाल बनकर विश्वविद्यालय को घेर चुकी हैं, मेरी प्राथमिकताओं में डिग्री समस्या का निराकरण था। मैं छात्रों को और ज्यादा परेशान नहीं होने दूंगा। जल्द ही डिग्री समस्या से छात्रों के साथ ही विश्वविद्यालय को भी निजात मिलेगी- प्रो. अशोक मित्तल, कुलपति