Positive India: DPS, Prelude और Holi पब्लिक स्कूल ने की नेक पहल
दिल्ली से आगरा तक पैदल चलकर आए लोगों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए स्कूलों ने लगाईं अपनी बसें। ट्रांसपोर्ट्रर्स ने भी दिए ट्रक और मेटाडोर।
आगरा, प्रतीक गुप्ता। हालात बहुत विषम है। दुश्मन अदृश्य है। बस नाम सुना है, कोरोना। जैसा विश्व युद्ध के समय होता होगा, शायद वैसा ही अब हो रहा है। अजीब सा भय है, लोगों के मन में। पीएम मोदी के लॉकडाउन के आदेश के बाद आगरा में दूसरे राज्यों से आने वाले पैदल मुसाफिरों की संख्या शुरुआती दौर में सैकड़ों में थी। लोग समझ रहे थे कि एक-दो दिन में भीड़ का ये ज्वार थम जाएगा पर हो उल्टा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली से आने वाला पैदल यात्रियों का हुजूम बढ़ा जा रहा है। संख्या हजारों में पहुंच चुकी है। भूख-प्यास और 200 किलोमीटर से ज्यादा चलकर आ रहे लोगों की तकलीफ को सुलहकुल की नगरी ने महसूस किया है। पेटभर भोजन कराने के अलावा अपने घर तक पहुंचने में रास्ते में लगने वाली रसद भी मुहैया करा रहे हैं। किसी को राजस्थान जाना है तो किसी को पूर्वी उत्तर प्रदेश तो किसी का गांव मध्यप्रदेश में है। शासन-प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गईं रोडवेज बसें भी यात्रियों की संख्या के आगे कम पड़ जाने पर शहर के स्कूल संचालकों ने मोर्चा संभाला। उन्होंने अपनी बसें उपलब्ध कराई हैं। साथ देने शहर के ट्रांसपोर्र्ट्स भी आगे आ गए हैं। वे अपने ट्रक और मेटाडोर उपलब्ध करा रहे हैं। सभी के मन में बस एक भावना है, दिल्ली से चलकर रास्ते में तकलीफें झेलते आ रहे लोगों को अब परेशानी न झेलनी पड़े और वह महफूज सफर कर अपने-अपने घरौंदों तक वापस पहुंच जाएं।
आगरा आइएसबीटी पर बाहर से आने वाले लोगों की संख्या कम होने की बजाय रविवार शाम तक बढ़ती ही जा रही है। सरकारी बसें कम पड़ने की स्थिति में आगरा के स्कूल संचालक आगे आए। दिल्ली पब्लिक स्कूल, प्रील्यूड पब्लिक स्कूल और होली पब्लिक स्कूल ने अपनी बसों और स्टाफ को भेजा। सैकड़ों यात्रियों को अपनी बसों को बिठाकर दूसरे जिलों तक पहुंचाने का काम शुरू कराया। साथ ही बस में बैठने वाले यात्रियों को मास्क भी मुहैया कराए। साथ ही बस के अंदर की सीटों को बाद में सेनेटाइज भी कराया जा रहा है। डीपीएस आगरा के निदेशक सुनील अग्रवाल ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया बड़ी विपत्ति में घिरी है। लोग सुरक्षित अपने घरों तक पहुंच जाएं। हर भारतवासी इस समय अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने स्कूल के ट्रांसपोर्ट स्टाफ का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि वे एक कॉल पर आ गए और सेवा कार्य में जुट गए। स्कूल जब खुलेगा, तब प्रार्थना के समय इस स्टाफ का सम्मान किया जाएगा।
प्रील्यूड पब्लिक स्कूल के निदेशक डा. सुशील गुप्ता ने कहा कि प्रील्यूड पब्लिक स्कूल सदैव अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का भी निर्वहन करता है। देश हित में सरकार द्वारा की गई बंदी के कारण इस समय वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई गई थी, जिस कारण ये लोग पैदल ही कई दिनों से अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए चल रहे हैं। स्कूल की पाँच बसों के माध्यम से शनिवार शाम से सैकड़ों यात्रियों को अगले जिले तक पहुँचाने का काम किया जा रहा है। इस सेवा के लिए यात्रियों से किसी भी प्रकार का कोई किराया नहीं लिया जा रहा है। रविवार को भी प्रात: नौ बजे से विद्यालय की आठ बसें इस सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन में लगी हैं। हर बार लौटने पर बसों एवं विद्यालय के कर्मचारियों को सेनेटाइज किया जा रहा है। इस सभी के लिए विद्यालय के प्रबंध तंत्र द्वारा सरकार से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता राशि नहीं ली जा रही है। होली पब्लिक स्कूल के निदेशक संजय तोमर ने कहा संकट का दौर है। पूरा देश एकजुट है। उनके स्कूल की बसें भी लोगों को अपने घर तक पहुंचाने में जुटी हैं।
ट्रांसपोर्टर्स भी आए आगे
बसें कम पड़ीं तो ट्रांसपोर्टर्स भी आगे आ गए। किसी ने ट्रक तो किसी ने मेटाडोर उपलब्ध करा दी। न भाड़ा लिया और डीजल का खर्च। ट्रांसपोर्ट चैंबर के वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि आगरा प्रशासन की अपील पर ट्रक उपलब्ध कराते हुए दिल्ली से आगरा पैदल चलकर आ रहे लोगों को शिकोहाबाद, इटावा, मैनपुरी, धौलपुर, एटा आदि स्थानों तक भेजने की प्रक्रिया शुरू कराई गई है।