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Inner Ring Road: आगरा के इनर रिंग रोड के सहारे औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने पर फंसा पेच

Inner Ring Road तीसरे चरण के लिए 43 हेक्टेअर जमीन का हुआ था अधिग्रहण। जनप्रतिनिधियों ने किसानों की जमीन वापसी की उठाई मांग। मंडलायुक्त तक पहुंचा मामला जल्द होगी बैठक। नेशनल हाईवे-19 से ग्वालियर रोड को जोड़ने के लिए इनर रिंग रोड बनाया जा रहा है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 04:21 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 04:21 PM (IST)
Inner Ring Road: आगरा के इनर रिंग रोड के सहारे औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने पर फंसा पेच
तीसरे चरण के लिए 43 हेक्टेअर जमीन का हुआ था अधिग्रहण।

आगरा, जागरण संवाददाता। इनर रिंग रोड के तीसरे चरण के सहारे औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने को लेकर पेच फंस गया है। आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) क्लस्टर विकसित करना चाह रहा है जबकि जनप्रतिनिधियों ने किसानों की जमीन वापसी की मांग उठाई है। पूरा मामला मंडलायुक्त अमित गुप्ता तक पहुंच गया है। शनिवार दोपहर औद्योगिक क्लस्टर को लेकर अहम बैठक होने जा रही थी लेकिन शाम को इस बैठक को स्थगित कर दिया गया। जल्द ही बैठक की नई तारीख घोषित की जाएगी।

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नेशनल हाईवे-19 से ग्वालियर रोड को जोड़ने के लिए इनर रिंग रोड बनाया जा रहा है। तीन चरण में बन रहे इस रोड का पहला चरण पूरा हो गया है। 350 करोड़ रुपये से एडीए ने इसका निर्माण कराया है। 400 करोड़ रुपये से एडीए दूसरे चरण का भी रोड बना रहा है जबकि तीसरे चरण की रोड बनाने से एडीए ने इन्कार कर दिया था। तीसरे चरण के लिए 49 हेक्टेअर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इस बीच तीसरे चरण की रोड बनाने की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आगरा खंड को मिल गई। सर्वे में रोड का एलाइनमेंट चेंज हो गया। इसके चलते 49 हेक्टेअर जमीन पर अब रोड नहीं बनेगी। एक माह पूर्व एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने बैठक की और औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने का निर्णय लिया। बिल्डरों और उद्यमियों ने प्लाट लेने पर सहमति तक जता दी। इस बीच जनप्रतिनिधियों ने 49 हेक्टेअर जमीन किसानों को लौटाने की बात कही। अब यह पूरा मामला मंडलायुक्त अमित गुप्ता के पास पहुंचा है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस मामले को लेकर बैठक की जाएगी।

भड़के एत्मादपुर मदरा के किसान, अतिरिक्त मुआवजा की मांग

इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल के लिए एडीए ने वर्ष 2010 में एत्मादपुर मदरा गांव की जमीन का अधिग्रहण किया था। किसानों को 580 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से भुगतान हुआ था। 33 साल तक बीस हजार रुपये प्रति वर्ष पेंशन देने, एक एकड़ पर 24 हजार रुपये अलग से भुगतान करने का वादा किया था लेकिन अभी तक इसका लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ है। इससे किसान भड़क गए हैं। शुक्रवार दोपहर बड़ी संख्या में किसान एडीए कार्यालय पहुंचे और नाराजगी जताई। किसान कमल सिंह ने बताया कि जमीन का बड़ा हुआ पैसा दिया जाना चाहिए। पूर्व में जो भी वादा किया गया। उसे पूरा किया जाना चाहिए। सूरज भान ने बताया कि एडीए उपाध्यक्ष से मामले की शिकायत की गई है। जल्द ही पैसा नहीं मिला तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर की प्रस्तावित जमीन का निरीक्षण

डीएम प्रभु एन सिंह ने शुक्रवार दोपहर तहसील सदर के बिल्हौनी गांव का निरीक्षण किया। बिल्हौनी गांव में डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर के लिए 43 हेक्टेअर जमीन चिन्हित की गई है। दो सप्ताह पूर्व जिला प्रशासन ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। डीएम ने बताया कि आगरा सहित प्रदेश के सात शहरों से होकर कारिडोर गुजरेगा। सैन्य उपकरणों का निर्माण किया जाएगा। 


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