Move to Jagran APP

तड़पते रहे मरीज, गिड़गिड़ाते रहे तीमारदार, ंइधर उधर भटकते रहे

आइएमए की हड़ताल के चलते इलाज के लिए एसएन इमरजेंसी और ओपीडी के लगाते रहे चक्कर निजी क्लीनिक के बाहर इंतजार करते रहे मरीज

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 06:00 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 06:25 AM (IST)
तड़पते रहे मरीज, गिड़गिड़ाते रहे तीमारदार, ंइधर उधर भटकते रहे
तड़पते रहे मरीज, गिड़गिड़ाते रहे तीमारदार, ंइधर उधर भटकते रहे

जागरण संवाददाता, आगरा: नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) बिल के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की हड़ताल ने मरीजों का दर्द बढ़ा दिया। बुधवार सुबह निजी क्लीनिक नहीं खुले, मरीज एसएन इमरजेंसी पहुंच गए, यहां से ओपीडी भेज दिया। दोपहर दो बजे के बाद पहुंचने पर ओपीडी में इलाज नहीं मिला। इलाज न मिलने से मरीज तड़पते रहे और तीमारदार गिड़गिड़ाते रहे।

loksabha election banner

एनएमसी बिल के विरोध में सुबह छह से गुरुवार छह बजे तक देशव्यापी हड़ताल के चलते निजी क्लीनिक बंद रहे। अस्पतालों में गंभीर मरीजों को भर्ती किया गया। सुबह 11 बजे के बाद मरीजों की संख्या बढ़ने लगी, निजी क्लीनिक पर इलाज न मिलने पर कुछ मरीज जिला अस्पताल और एसएन की ओपीडी में पहुंचने लगे। वहीं, अधिकांश मरीज इलाज न मिलने पर लौट गए। दोपहर डेढ़ बजे के बाद आने वाले मरीजों को इमरजेंसी से ओपीडी भेज दिया गया। मगर, तब तक ओपीडी में पर्चे बनना बंद हो गए। इससे एसएन ओपीडी और इमरजेंसी के गेट पर मरीज दर्द से कराहते रहे। हॉस्पिटल में इलाज, शाम को खुल गए क्लीनिक

आइएमए की हड़ताल का मिलाजुला असर रहा, हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने मरीजों को परामर्श दिया। कुछ क्लीनिक भी खुले रहे। शाम को अधिकांश क्लीनिक खुल गए, हॉस्पिटल में भी मरीज देखे गए। वहीं, जूनियर डॉक्टरों ने एसएन ओपीडी और वार्ड में काम किया। वंदना को गोद में लेकर भटकते रहे पिता

फतेहपुर सीकरी निवासी वंदना दीवार गिरने से घायल हो गई थी, उसे लेकर दोपहर डेढ़ बजे परिजन इमरजेंसी पहुंचे। यहां से ओपीडी भेज दिया, ओपीडी में पर्चा बनने बंद हो गए। पिता वंदना को गोद में लेकर इमरजेंसी और ओपीडी के चक्कर लगाते रहे। उन्होंने उसे इमरजेंसी के बाहर बिठा दिया, यहां पहले से फ्रैक्चर लगा हुआ एक मरीज लेटा हुआ था। हरी सिंह को भर्ती कराने के लिए भटकते रहे परिजन

इटौरा निवासी हरी सिंह को पेशाब संबंधी समस्या होने पर परिजन इमरजेंसी लेकर पहुंचे। यहां से उन्हें ओपीडी भेज दिया, दोपहर डेढ़ बजे ओपीडी में पर्चे बनना बंद हो गया। व इलाज के लिए गिड़गिड़ाते रहे, वहां मौजूद स्टाफ ने इलाज कराने के लिए उनकी मदद की। ये रहा हाल

एसएन ओपीडी में देखे गए मरीज - 2000

जिला अस्पताल की ओपीडी में देखे गए मरीज-1990

निजी क्लीनिक और अस्पतालों की ओपीडी में हर रोज आने वाले मरीज - 15 से 18 हजार तबीयत बिगड़ने पर निजी क्लीनिक ले गए, वह बंद मिला, एसएन ओपीडी लेकर आए हैं। यहां पर्चे बनना बंद हो गए।

कला देवी, शमसाबाद रोड इमरजेंसी से ओपीडी में भेज दिया, तबीयत खराब होने के कारण बाहर ही लिटाना पड़ा, ओपीडी में पर्चे बनना बंद हो गए हैं।

सुनीता, बाह, तीमारदार एसएन, जिला अस्पताल और निजी क्लीनिक पर मरीजों को इलाज दिया गया। इमरजेंसी सेवाएं बाधित न होने से परेशानी नहीं हुई है।

डॉ. मुकेश वत्स, सीएमओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.