तो अब डीएनए टेस्ट के लिए नहीं लगाने होंगे लखनऊ के चक्कर
दस करोड़ की लागत से तैयार हो रही लैब, उपकरणों की खरीद पूरी। लखनऊ फोरेंसिक लैब में होते हंै सभी जिलों के नमूनों का डीएनए टेस्ट।
केस एक:
हरीपर्वत के खंदारी निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीन गुलाटी की पत्नी रमा (50) और बेटी दीक्षा (23) की 23 जून 2015 को घर में घुसकर हत्या कर दी गई। पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने अधिवक्ता के भतीजे गौरव गुलाटी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अगस्त 2015 में घटनास्थल से मिले खून और आरोपित के खून का नमूना लेकर लखनऊ फोरेंसिक लैब भेजा। करीब एक वर्ष बाद रिपोर्ट पुलिस को मिली। इसमें खून के दोनों नमूनों का डीएनए मैच हो गया।
केस दो:
सिकंदरा क्षेत्र से युवती से अगवा करने के बाद ककरेठा के जंगल में दङ्क्षरदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। हत्या कर लाश को यमुना के खादर में फेंक दिया। आरोपितों की निशानदेही पर बरामद मृतका की हड्डियों को पुलिस ने डीएनए परीक्षण के लिए लखनऊ फोरेंसिक लैब भेजा।
आगरा, जागरण संवाददाता। लखनऊ फोरेंसिक लैब में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के कई हजार नमूने डीएनए परीक्षण के लिए लंबित हैं। इनकी रिपोर्ट मिलने में महीनों और कभी-कभी वर्षों लग जाते हैं। अब डीएनए जांच आगरा की फोरेंसिक लैब में भी हो सकेगी। दस करोड़ की लागत से तैयार हो रही डीएनए लैब के लिए उपकरणों की खरीद का काम लगभग पूरा हो चुका है।
आगरा फोरेंसिक लैब में डीएनए परीक्षण यूनिट बनाने को दो वर्ष पहले शासन ने मंजूरी दी थी। तभी से यहां फोरेंसिक लैब बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इस वर्ष मार्च तक डीएनए लैब में परीक्षण का काम शुरू हो जाएगा।
दो दर्जन जिलों की पुलिस को मिलेगी राहत
आगरा फोरेंसिक लैब में डीएनए टेस्ट शुरू होने से पश्विमी उत्तर प्रदेश एवं बुंदेलखंड के करीब दो दर्जन जिलों की पुलिस को राहत मिलेगी। इनमें आगरा, अलीगढ़ मंडल, मेरठ, गाजियाबाद और झांसी रेंज के जिले शामिल हैं। अब तक यहां की पुलिस को लखनऊ जाना पड़ता है।
एक किट की कीमत दो लाख रुपये
डीएनए परीक्षण की एक किट की कीमत करीब दो लाख रुपये होती है। इस किट से 200 केसों की जांच होने का दावा कंपनी करती है। वास्तव में एक किट से 150 से 160 तक परीक्षण हो पाते हैं।