Move to Jagran APP

बिना मान्‍यता वालों को भी नाेटिस, ऐसे चल रही टीबी मरीजों के ब्‍योरा देने में खानापूर्ति Agra News

झोलाछाप क्लीनिक नहीं चला सकते हैं लेकिन उन्हें भी नोटिस भेज दिए हैं उन्होंने नोटिस लेने से इन्कार कर दिया।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 04:54 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 04:54 PM (IST)
बिना मान्‍यता वालों को भी नाेटिस, ऐसे चल रही टीबी मरीजों के ब्‍योरा देने में खानापूर्ति Agra News
बिना मान्‍यता वालों को भी नाेटिस, ऐसे चल रही टीबी मरीजों के ब्‍योरा देने में खानापूर्ति Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। टीबी मरीजों का ब्योरा न देने पर मुकदमा दर्ज करने के सख्त आदेश हैं। मगर, जिला क्षय रोग विभाग द्वारा मरीजों का ब्योरा न देने वाले डॉक्टरों के खिलाफ नोटिस की खानापूर्ति की जा रही है। झोलाछाप क्लीनिक नहीं चला सकते हैं लेकिन उन्हें भी नोटिस भेज दिए हैं, उन्होंने नोटिस लेने से इन्कार कर दिया।

loksabha election banner

टीबी मुक्त भारत (2025 तक) के लिए सरकारी और निजी क्लीनिक पर इलाज कराने वाले टीबी के एक एक मरीज का ऑनलाइन ब्योरा दर्ज किया जाना है। इन मरीजों के घर टीम जाएगी, उन्हें टीबी का पूरा इलाज लेने के लिए प्रोत्साहित करेगी। मगर, निजी क्लीनिक और हॉस्पिटल से टीबी मरीजों का ब्योरा ऑनलाइन दर्ज नहीं किया जा रहा है। मेडिकल स्टोर संचालक भी मरीजों का ब्योरा दर्ज नहीं कर रहे हैं। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है। ऐसे में 250 से अधिक चिकित्सकों को तीन दिन में जवाब देने के नोटिस दिए जा चुके हैं। मगर, मुकदमा दर्ज नहीं कराया जा रहा है। सख्ती के बाद मेडिकल स्टोर संचालकों ने टीबी की दवाएं रखना बंद कर दिया है। कुछ डॉक्टर टीबी मरीजों का इलाज करने से इन्कार करने लगे हैं।

सजा का है प्रावधान

टीबी के मरीजों का ब्योरा न देने पर आइपीसी की धारा 269, 270 में मुकदमा दर्ज किया जाता है। इसमें छह महीने से दो साल तक कारावास की सजा का प्रावधान है।

ये है हाल

टीबी मरीजों का चल रहा इलाज - 18000 मरीज, सरकारी अस्पताल (12000), निजी अस्पताल के मरीज (6000)

एसएन में एमडीआर टीबी के मरीजों का इलाज -458 मरीजों का चल रहा इलाज। एक्सडीआर मरीज - 55 का चल रहा इलाज

मरीज को हर महीने दिए जा रहे 500 रुपये प्रतिमाह - 6500 मरीजों को एक करोड़ आठ लाख रुपये का भुगतान।

जिले में टीबी यूनिट - 20 यूनिट

806 डाट्स सेंटर

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार

टीबी के मरीजों का ब्योरा न देने पर 250 चिकित्सकों को नोटिस दिए गए हैं, 12 पर मुकदमा दर्ज कराया है। झोलाछाप ने नोटिस नहीं लिए हैं, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

डॉ. यूबी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी

डॉक्टर भी चाहते हैं कि टीबी के मरीजों का नोटिफिकेशन हो लेकिन कई बार पूरा ब्योरा दर्ज नहीं हो पा रहा है। निजी चिकित्सक द्वारा टीबी मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए भी भेजा जा रहा है।

डॉ. अशोक शिरोमणि, अध्यक्ष आइएमए, आगरा

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.