निगम के खिलाफ उतरे विज्ञापन एजेंसी संचालक
आगरा : नगर निगम के खिलाफ आउटडोर एडवरटाइजिंग, सफाई कर्मचारी संघ और ऑल कॉन्ट्रेक्ट वेलफेयर संघ ने मोर्चा खोल दिया है।
जागरण संवाददाता, आगरा : नगर निगम के खिलाफ आउटडोर एडवरटाइजिंग, सफाई कर्मचारी संघ और ऑल कॉन्ट्रेक्ट वेलफेयर संघ ने मोर्चा खोल दिया है। निगम के खिलाफ शहर की आधा दर्जन से अधिक सड़कों पर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार और विज्ञापन एजेंसी संचालकों के उत्पीड़न के पोस्टर, बैनर लगाए गए हैं। साढ़े चार करोड़ रुपये की बकाएदारी है। संचालकों को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। वहीं निगम प्रशासन लगातार शिकंजा कस रहा है। बिना बकाया जमा कराए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है।
सोमवार को यूथ हास्टल में आउटडोर एडवरटाइजिंग के अध्यक्ष अमित खत्री ने पत्रकारों से बातचीत में एजेंसी संचालकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। कहा कि एक विज्ञापन एजेंसी पर निगम के अफसर मेहरबान हैं। गलत तरीके से उसे यूनीपोल दिए जा रहे हैं। दो दर्जन एजेंसी संचालकों को दरकिनार कर दिया है। इससे पांच हजार परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उप्र नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 172 (2) ज में विज्ञापन कर को खत्म कर दिया गया है। इसके बाद भी पुराना बकाया लिया जा रहा है। 16 मई को कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। पीपीपी मॉडल पर एग्रीमेंट होंगे। उसमें एक ही एजेंसी संचालक को सबसे अधिक फायदा होगा। निगम के एक अफसर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। टेंडरों में खेल किया जा रहा है। उदयराज सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया की नियम व शर्ते अनुकूल बनाई जाएं। वहीं ऑल कॉन्ट्रेक्ट वेलफेयर एसोसिएशन का कोई भी पदाधिकारी उपस्थित नहीं हुआ। इस दौरान गौरव वाल्मीकि सहित अन्य मौजूद रहे। उधर, विज्ञापन एजेंसी संचालकों ने शहर की विभिन्न सड़कों पर पोस्टर और बैनर लगाए हैं।
नहीं बर्दाश्त होगा राजस्व का नुकसान : मेयर नवीन जैन का कहना है कि विज्ञापन एजेंसियों पर जो भी बकाएदारी है। उसे जमा करना होगा। एजेंसी संचालकों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। बकाया राशि को जमाना कराना पड़ेगा। - विज्ञापन एजेंसियों से बकाया राशि जमा कराने के लिए कहा गया है। सप्ताह भर की मोहलत और दी गई है। यूनीपोल टेंडर प्रक्रिया से उठाए जा रहे हैं। नियमों का पालन किया जा रहा है।
अरुण प्रकाश, नगरायुक्त