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बेसहारा पशुओं को लेकर फीरोजाबाद में बवाल, ग्रामीणों ने किया पथराव, एसडीएम घायल

जिले के नसीरपुर थाना क्षेत्र के गांव हरगनपुर की घटना। प्राथमिक विद्यालय में ग्रामीणों ने बंद किये थे 100 से अधिक गोवंश।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 03:37 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 03:37 PM (IST)
बेसहारा पशुओं को लेकर फीरोजाबाद में बवाल, ग्रामीणों ने किया पथराव, एसडीएम घायल
बेसहारा पशुओं को लेकर फीरोजाबाद में बवाल, ग्रामीणों ने किया पथराव, एसडीएम घायल

आगरा, जेएनएन। मंडल के लिए आवारा आतंक बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। फीरोजाबाद के नसीरपुर थाना क्षेत्र के गांव हरगनपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में ग्रामीणों द्वारा बंद किये गए 100 से अधिक बेसहारा गोवंशों को लेकर बवाल मच गया। सूचना पर गोवंशों को मुक्त कराने के लिए प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। घटना में एसडीएम शिकोहाबाद जेनेंद्र कुमार घायल हो गए हैं।

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दरअसल रविवार रात ग्रामीणों ने हरगनपुर प्राथमिक विद्यालय में 100 से अधिक गोवंश बंद कर दिए थे। सोमवार को सुबह सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्कूल का ताला तोड़ गोवंशों को मुक्त कर दिया। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पथराव कर दिया। ग्रामीण कुछ सुनने को ही तैयार नहीं थे। पथराव के कारण एसडीएम शिकोहाबाद गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रशासनिक वाहन एवं कुछ मीडियाकर्मियों पर भी ग्रामीणों ने पथराव किया। फिलहाल पांच थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया है।

फसल चौपट होने से किसानों में भारी आक्रोश

फसल उजाड़ रहे  बेसहारा पशुओं का आतंक किसानों के लिए मुसीबत बना हुआ है। आगरा और फीरोजाबाद में कई क्षेत्रों में किसानों ने रविवार को भी गोवंश को सरकारी स्कूलों में पहुंचा दिया। रविवार को आगरा के बरहन क्षेत्र के ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय में बेसहारा पशुओं को बंद कर दिया। खेरागढ़ क्षेत्र के चीत गांव में भी किसानों ने प्राथमिक विद्यालय में गोवंश को बंद कर दिया। खंदौली क्षेत्र में रविवार दोपहर बाद दो गांवों में लोगों ने बेसहारा पशुओं को स्कूल में बंद कर दिया। सूचना देने के बाद भी पुलिस और प्रशासन ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। फीरोजाबाद जिले के थाना नगला सिंघी के गांव गढ़ी धर्मी में बेसहारा पशुओं को घेरकर ग्रामीणों ने रविवार दोपहर स्थानीय परिषदीय विद्यालय में पहुंचा दिया था।

मथुरा में मुक्त किए पशु, फिर पहुंचे खेतों में

महावन तहसील के गांव कारब में बंधक बनाए बेसहारा पशुओं में से पांच गायों की शनिवार शाम को मौत हो गई थी। रविवार सुबह इसकी जानकारी होते ही अन्य क्षेत्रों के किसान भयभीत हो गए। सुरीर क्षेत्र के कुछ स्कूलों में बंद कराए गए गोवंश मुक्त कर दिए। मगर, ये गोवंश फिर से खेतों में फसल उजाडऩे लगे। किसान कह रहे हैं कि उनके लिए समस्या निरंतर विकराल होती जा रही है। प्रशासन समस्या समाधान में तत्परता नहीं दिखा रहा है। सुरीर के किसान मुरारी ङ्क्षसह और भूपेंद्र ङ्क्षसह राजपूत ने बताया कि प्रशासन बेसहारा पशुओं की समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा। गांव-गांव सैकड़ों की तादात में घूम रहा ये गोवंश खेतीबाड़ी में बाधक बन गया है। सांड़ तो फसल उजाडऩे के साथ खेत पर रखवाली कर रहे किसानों पर हमला भी कर रहे हैं। 

फसल उजाड़ते गोवंशों के झुंड का किसान पर हमला

फसल उजाड़ रहे बेसहारा गोवंश खेत की रखवाली कर रहे किसानों की जिंदगी के लिए भी खतरा बन रहे हैं। रविवार को बूड़ा भरथरा में एक किसान पर ऐसे गोवंंश के झुंड ने हमला बोल दिया। आसपास खेतों में काम रहे किसानों ने जैसे-तैसे उसे बचाया। इसके बाद किसानों ने इन गोवंश को एक स्कूल में कैद कर दिया। गढ़ी धर्मी में भी आतंक फैला रहे बेसहारा पशुओं को घेराबंदी कर एक स्कूल में बंद कर दिया गया।

सिरसागंज के गांव बूड़ा भरथरा निवासी 45 वर्षीय देवेंद्र ङ्क्षसह रविवार को अपने खेत पर थे। तभी बेसहारा गोवंश का झुंड आ गया। देवेंद्र ने फसल उजाड़ते इन पशुओं को भगाने की कोशिश की तो इन पशुओं ने उन  पर हमला कर दिया। आसपास खेतों में काम कर रहे किसान दौड़कर आए और देवेंद्र को पशुओं के चंगुल से बचाया। देवेंद्र की गंभीर चोट देख किसान आक्रोशित हो गए और बेसहारा पशुओं को घेरकर गांव के प्राथमिक विद्यालय में कैद कर दिया। प्रधान दुरविजय ङ्क्षसह की सूचना पर तहसीलदार चंद्र बाबू आदि आ गए। तहसीलदार ने इन गोवंश को संदलपुर स्थित आश्रयस्थल भिजवाया।

रविवार दोपहर थाना नगला ङ्क्षसघी क्षेत्र के गांव गढ़ी धर्मी के किसानों ने प्रधान राजकुमार की अगुवाई में बेसहारा गोवंश की घेराबंदी की। लाठी-डंडों से पशुओं को घेर कर गांव के सरकारी स्कूल में पहुंचाने लगे। थोड़ी ही देर में तीन दर्जन से अधिक पशु यहां पहुंचा दिए गए।  ग्रामीणों ने पुलिस की बात भी नहीं मानी। थाना प्रभारी प्रदीप चतुर्वेदी का कहना है कि डीएम समेत अन्य अधिकारियों को अवगत करा दिया है।

 गांव-गांव बेसहारा पशुओं की होती रही घेराबंदी

फसलों को उजाड़ रहे बेसहारा पशु किसानों की जिंदगी के लिए भी खतरा बन रहे हैं। रविवार को खंदौली में एक किसान पर सांड़ ने हमला बोल दिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने आसपास से ऐसे पशुओं की घेराबंदी कर स्कूलों में बंद कर दिया। बरहन और खेरागढ़ में भी ऐसे सैकड़ों जानवरों को सरकारी स्कूलों में 'कैदÓ कर दिया गया।  

खंदौली क्षेत्र के गांव बास सोना निवासी संजय दिवाकर रविवार को अपने खेत पर थे। दोपहर में एक सांड़ आ गया। संजय उसे भगा रहे थे, तभी सांड़ ने उन पर हमला बोल दिया। संजय ने शोर मचा दिया। आसपास के खेतों से किसानों ने आकर उन्हें सांड़ से बचाया। इस घटना के बाद गांव अरेला, गांव बास सोना और बास गडरिया के ग्रामीण बेसहारा पशुओं की घेराबंदी में जुट गए। देर शाम तक करीब एक सैकड़ा जानवर स्थानीय सरकारी स्कूलों में बंद कर दिए गए। गेट पर ताला लगा कर ग्रामीणों ने आक्रोश भी जताया। कार्यवाहक थाना प्रभारी विजयकांत शर्मा पुलिस फोर्स के साथ पहुंच गए, मगर ग्रामीणों ने उनकी बात नहीं मानी।

बरहन में रविवार शाम तीन बजे एक दर्जन ग्रामीणों ने लाठी-डंडे लेकर खेतों की तरफ  घूम रहे तमाम जानवरों को घेर लिया। उन्हें खदेड़ते हुए पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बंद कर दिया। किसानों ने कहा दिया है कि समस्या का समाधान किए जाने पर ही जानवरों को बाहर निकाला जाएगा। पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह का कहना है कि 15 दिन में अगर बेसहारा पशुओं का बंदोबस्त नहीं किया, तो कमिश्नरी का घेराव किया जाएगा। ग्र्राम प्रधान धर्मेंद्र का कहना है कि  बेसहारा जानवरों ने हर ओर आतंक मचा रखा है।

उधर, खेरागढ़ के चीत गांव में परेशान किसानों ने बेसहारा गोवंश को प्राइमरी स्कूल में बंद कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बंधक गायों को देर शाम को मुक्त कराया। ग्राम पंचायत चीत में लगभग 10 बीघा जमीन गोशाला के लिए प्रस्तावित है। लेकिन 6 माह बाद भी अभी गोशाला की जमीन पर कार्य शुरू नही हो पाया है। उपजिलाधिकारी रजनीकांत पांडे ने बताया कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में निर्माण होना है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अशोक दौनेरिया ने बताया कि गोशाला का निर्माण जल्द शुरु कराया जाएगा।

किसानों का हंगामा देख वापस ले गए गोवंश

रविवार शाम को मई, बटेश्वर आदि गांव के किसानों को सूचना मिली कि फीरोजाबाद की ओर से दो कैंटर गाड़ी में गोवंश लाकर उनकी सीमा में छोड़े जा रहे हैं। लामबंद ग्रामीणों ने कैंटर गाड़ी को घेर विरोध किया। किसानो का विरोध देख गोवंश से भरी कैंटर वापस ले गए। गाड़ी में दो पुलिसकर्मी बैठे थे।


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