Panchayat Chunav: सर्दी के मौसम में गर्मा रही गांवों में सियासत, चौपालों पर हो रही पंचायत चुनाव की चर्चा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर आगरा के ग्रामीण इलाकों में गहमागहमी तेज हो गई है। 25 दिसंबर को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अगले चुनाव के लिए दावेदार भी ताल ठोंकने लगे हैं। उन्होंने अभी से होर्डिंग बैनर लगवाना शुरू कर दिया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। गांवों में चुनावी चहल-पहल शुरू हो गई है। गलियों में होर्डिंग-बैनर दिखने लगे हैं। चुनावी चौपालें लगने लगी हैं। इतना ही नहीं, गांवों में दावतों के भी दौर भी शुरू हो गए हैं। शायद ही कोई खंबा बचा हो, जिस पर किसी दावेदार का पाेस्टर न लटक रहा हो। कोई ग्राम प्रधान तो कोई क्षेत्र पंचायत तो कोई जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के लिए दावेदारी कर रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तारीखाें की अभी घोषणा नहीं हुई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी रंग नजर आने लगा है। 25 दिसंबर को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अगले चुनाव के लिए दावेदार भी ताल ठोंकने लगे हैं। उन्होंने अभी से होर्डिंग, बैनर लगवाना शुरू कर दिया है। चौपालों पर चर्चा के दौरान अपनी चुनाव लड़ने की मंशा भी जाहिर कर रहे हैं। साथ ही बता रहे हैं कि यदि वह प्रधान बने तो किस तरह से गांव की तस्वीर बदल देंगे। ग्रामीणों को अहसास दिला रहे हैं कि अब तक उन्हें सिर्फ ठगा गया है। वह गांवों में परिवर्तन लाने के लिए चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। ऐसे तमाम दावों के साथ ही ग्रामीणों को खुश करने के लिए नये साल के कैलेंडर और डायरी भी बांट रहे हैं। बता दें कि आगरा में 690 ग्राम पंचायतें रह गई हैं। पुनर्गठन की प्रक्रिया के दौरान जिले में पांच ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं। प्रधान के चुनाव के लिए दावदार अभी से पूरी ताकत झोंक रहे हैं।