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Banke Bihari Temple: बदल गई है बिहारी जी की Diet, हिना इत्र की भी ले रहे खुशबू

Banke Bihari Temple केसर और पंचमेवा के दूध व हलवा परोसा जा रहा बांकेबिहारी को। ठा. बांके बिहारी को अब हिना इत्र का प्रयोग स्नान व मालिश के लिए किया जा रहा है ताकि बदलते मौसम में उन्हें गुलाबी ठंड का असर न हो।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 05:58 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 05:58 PM (IST)
Banke Bihari Temple: बदल गई है बिहारी जी की Diet, हिना इत्र की भी ले रहे खुशबू
बांके बिहारी जी को अब केसर और पंचमेवा के दूध व हलवा परोसा जा रहा है।

आगरा, जागरण टीम। सर्द हो रहे मौसम के असर से ठा. बांकेबिहारी को बचाने को सेवायत भाव सेवा के जरिए अपने प्रयत्न में जुटे हैं। ठाकुरजी के भोग और पोशाक में बदलाव किया गया है। केसरयुक्त दूध, पंचमेवा का अलावा व भोग में सूखे मेवा की मात्रा बढ़ाई गई है। सनील के वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। ताकि मौसम के अनुरूप ठाकुरजी को ठंड का प्रभाव न हो सके।

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ठा. बांके बिहारी मंदिर के सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया कि मौसम के बदलाव के साथ ही ठाकुरजी की राग और भोग सेवा में बदलाव करने की परंपरा है। शरद पूर्णिमा के बाद से मौसम में हल्की सर्दी शुरू हुई है। इसलिए ठाकुरजी के वस्त्रों में भी बदलाव कर शनील की पोशाक धारण कराई जा रही हैं। भोग में उन्हें गर्म तासीर के पदार्थ अर्पित किए जा रहे हैं। काजू, बादाम, चिलगोजा, पिस्ता समेत पंचमेवा का भोग लगाया जा रहा है। अब सर्दी का प्रभाव बढ़ा तो केसरयुक्त गर्म दूध और खीर के साथ केसर का हलवा, जिसमें पंचमेवा की मात्रा में बढ़ाई गई है, भोग में परोसा जा रहा है।

चार पहर लगता भोग

ठा. बांके बिहारी को सुबह श्रृंगार के दौरान बालभोग लगाया जाता है। दोपहर में राजभोग, शाम को मंदिर खुलने के साथ उत्थापन भोग और रात को शयन भोग परोसा जाता है। मंदिर के पट जब बंद होते हैं, तो ठाकुरजी को शयन कराने के साथ उन्हें गर्म केसरयुक्त दूध और पान का बीड़ा भी अर्पित किया जा रहा है। रात में ठाकुरजी को भूख लगे तो वह रखे चार लड्डुओं का सेवन कर सकते हैं। इसलिए उनके शयन कक्ष में टिफिन में चार लड्डू भी रखे जाते हैं।

हिना इत्र की ले रहे खुशबू

ठा. बांके बिहारी को अब हिना इत्र का प्रयोग स्नान व मालिश के लिए किया जा रहा है, ताकि बदलते मौसम में उन्हें गुलाबी ठंड का असर न हो। 


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