Navratra Special: डायबिटीज में उपवास, रखेंगे इन बातों का ध्यान तो नहीं होंगे परेशान Agra News
विशेषज्ञ की सलाह अगर मधुमेह रोगी रख रहें हैं व्रत तो थोड़ी थोड़ी देर में खाते रहें। दिन में कई बार शुगर लेवल की भी जांच करें।
आगरा, तनु गुप्ता। नवरात्र के दिनों में उपवास का विशेष महत्व है। धार्मिक दृष्टि के साथ देखें तो मां आदिशक्ति की साधना व्रत के साथ पूर्ण होना माना गया है। ऐसे में हर साधक प्रयास करता है कि उपवास का संकल्प लेकर साधना को पूर्ण करे लेकिन मधुमेह के रोगियों के लिए यह संकल्प कई बार जोखिम भरा हो जाता है। ऐसे में सेल्युलर न्यूट्रिशियनिस्ट डॉ एनके सिन्हा के अनुसार मधुमेह रोगियों को नवरात्र में उपवास का फैसला अपने डाइटीशियन से परामर्श करने के बाद ही करना चाहिए क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। टाइप 1 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को उपवास नहीं करना चाहिए क्योंकि उपवास उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक जटिलताएं पैदा कर सकता है। हालांकि, टाइप 2 डायबिटीज होने वाले लोगों को उपवास का जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है। इसलिए वे कुछ उपायों का पालन करते हुए उपवास कर सकते हैं। इसके अलावा उपवास के दौरान दिन में कई बार ब्लड शुगर लेवल की जांच जरूर करें।
सेल्युलर न्यूट्रिशियनिस्ट डॉ एनके सिन्हा
उपवास का डायबिटीज के मरीजों पर प्रभाव
डॉ सिन्हा बताते हैं कि जब डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति नवरात्र में उपवास करते हैं, तो उनके खून में ग्लूकोज की मात्रा कम हो सकती है, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) कम होने के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। ब्लड शुगर कम होने पर अचानक पसीना आना, शरीर में कमजोरी या कंपन होना, दिल की धड़कनें तेज होना आदि हो सकता है।
डायबिटीज को ऐसे संभालें
शहद, चीनी, ग्लूकोज लेकर ब्लड शुगर में आई कमी को दूर किया जा सकता है। उपवास के दौरान कुछ लोगों में ब्लड शुगर बढ़ जाता है।इसलिए इस दौरान नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करना और उसे नियंत्रण में रखने का यथासंभव प्रयास करना अनिवार्य है।
किसे उपवास नहीं रखना चाहिए
डॉ एनके सिन्हा सलाह देते हैं कि ऐसे व्यक्ति जो टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन ले रहे हों, उन्हें डॉक्टर की सलाह के बगैर उपवास रखने का निर्णय नहीं लेना चाहिए। विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिनकी ब्लड शुगर नियंत्रण में न हो, उन्हें उपवास नहीं रखना चाहिए। जिन लोगों को डायबिटीज से संबंधित अन्य परेशानियां जैसे किडनी, लिवर या फिर हृदय रोग है, उनके लिए उपवास रखना सही नहीं है। टाइप 1 डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति जो पूरी तरह से इंसुलिन पर निर्भर हों, उनके लिए भी उपवास रखना सही नहीं है। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त व्यक्तियों को नवरात्र के उपवास से पूर्व डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है ताकि डॉक्टर आपकी दवाओं की खुराक में परिवर्तन कर सकें और स्वास्थ्य संबंधी अन्य जानकारी प्रदान कर सकें।
कौन रख सकता है उपवास
वैसे तो हर स्वस्थ व्यक्ति उपवास रख सकता है। लेकिन ऐसे व्यक्ति जो मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए मेटफोर्मिन या ग्लिप्टिन ग्रुप की दवाएं लेते हैं, वे नवरात्र के उपवास रख सकते हैं क्योंकि इन दवाओं से हाइपोग्लाइसीमिया होने का खतरा कम होता है। सल्फोनिलयूरिया ग्रुप की दवाएं लेने वाले व्यक्तियों में ब्लड शुगर सामान्य से नीचे जा सकती है।
संयमित रखें खानपान
उपवास के दौरान सब्जियां, सूखे मेवे (बादाम, अखरोठ, पिस्ता आदि), छाछ, मखाना, भरवां कुट्टू रोटी, कुट्टू चीला, खीरे का रायता, ताजा पनीर और फल आदि लें। इससे पेट भरा हुआ रहता है और खून में ग्लूकोज की मात्रा भी नियंत्रित रहती है। उपवास तोड़ने के बाद आवश्यकता से अधिक न खाएं। उपवास में तले हुए आलू, मूंगफली, चिप्स, पापड़ और पूड़ी-कचौड़ी आदि खाने से परहेज करना चाहिए। प्रोसेस्ड एवं ट्रांस फैट युक्त, हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल में बनाएं खाद्य पदार्थ जैसे नमकीन और चिप्स आदि का सेवन न करें।
जरूर लें तरल पदार्थ
डीहाइड्रेशन न हो इसके लिए नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, दूध जैसे तरल पेय पदार्थो का सही मात्रा में सेवन करना अनिवार्य है। उपवास के दौरान नमक छोड़ना चाहते है, तो पहले डॉक्टर से सलाह करके अपनी दवाओं में जरूरी परिवर्तन करें क्योंकि ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाली कुछ दवाएं शरीर से सोडियम बाहर निकालती हैं, उपवास के दौरान नमक छोड़ने से पहले इन दवाओं की खुराक में परिवर्तन करना पड़ सकता है।
ब्लड शुगर की बराबर जांच जरूरी
डॉ सिन्हा कहते हैं कि उपवास के दौरान दिन में तीन से चार बार ब्लड शुगर की जांच जरूर करें। ग्लूकोमीटर के जरिए उपवास के दौरान नियमित रूप से घर पर ही शुगर की जांच की जा सकती है।