Chhath Puja 2020: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा का हुआ समापन, यमुना घाटों पर उमड़े श्रद्धालु
Chhath Puja 2020 शनिवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लोग यमुना घाटों पर पहुंचने लगे। सूर्य के निकलने के साथ ही व्रत रखने वालों के चेहरों पर खुशी छा गई। ठंड पर आस्था भारी पड़ी।
आगरा, जागरण संवाददाता। आस्था का महापर्व छठ पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूरा हुआ। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत तोड़ा गया। सुख-समृद्धि की प्रार्थना की गई। बल्केश्वर और हाथी घाट पर सबसे ज्यादा भीड़ रही। इसी के साथ लोक आस्था का यह चार दिवसीय पर्व आज सुबह संपन्न हो गया। भगवान भास्कर की आराधना के पर्व छठ पूजन को लेकर पूर्वांचल परिवार पिछले चार दिनों से आस्था में सराबोर था। छठ महापर्व की खुशियां घर-घर में छाई थीं। धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे। निर्जला व्रत रखकर परिवार में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की जा रही थी। शनिवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लोग यमुना घाटों पर पहुंचने लगे। सूर्य के निकलने के साथ ही व्रत रखने वालों के चेहरों पर खुशी छा गई। ठंड पर आस्था भारी पड़ी। महिलाएं पानी में खड़ी होकर सूर्य देव को अर्घ्य दे रहीं थीं। महिलाओं ने विधि-विधान से पूजन कर बड़ों का आशीर्वाद लिया।
सूर्य देव से परिवार में सुख-समृद्धि और बच्चों की लंबी उम्र की प्रार्थना की। घाटों पर आस्था की अविरल धारा बह निकली। छठ मैया के भजनों से वातावरण में आस्था की सुगंध घुल गई।प्रात: आठ बजे तक पूजा संपन्न होने के बाद नदी के घाटों से लोगों का लौटना शुरू हो गया। इससे पहले शुक्रवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य देने के लिए व्रती और उनके परिवारीजन जुटे थे। अर्घ्य देने के साथ ही परिवार की समृद्धि के साथ लोक मंगल की कामना की गई।
छठी मइया के गीतों से गूंजे घाट
सभी घाटों पर छठी मइया के गीत गूंज रहे थे। महिलाएं टोलियों में छठ के गीत गा रही थीं। कोई 'छठी माई के घाटवा पे आजन बाजन..' तो कोई ' पहिले पहिल हम कईनी, छठी मइया व्रत त्योहार.., छोड़ नौकरी के जल्दी घरवा आई ए बलमु जी' गीत गा रहा था। लाउडस्पीकर पर भी छठ की गीत बज रहे थे। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालु भक्ति भाव में विभोर होकर खूबे झूमे।
कोरोना का नहीं दिखा खाैफ
यमुना घाटाें पर छठ पूजा के लिए जन सैलाब में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति पूरी तरह से लापरवाही दिखी। मास्क और शारीरिक दूरी जैसी जरूरी चीजों का ध्यान तक लोगों ने नहीं रखा हुआ था।