पार्षद परेशान, कोटे के नहीं हो रहे काम, नगर आयुक्त के खिलाफ बढ़ रहा रोष
आगरा : नगर निगम के पार्षदों और नगरायुक्त के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। पार्षदों ने सदन में बैठक कर इस मामले की शिकायत कमिश््नर से करने का निर्णय किया है।
आगरा : नगर निगम के पार्षदों और नगरायुक्त के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। पार्षदों ने सदन में मंजूर हुए कोटे के कार्यो के न होने का आरोप लगाया है।
निगम कार्यालय में शनिवार दोपहर पार्षदों की आपातकालीन बैठक हुई। वरिष्ठ पार्षद शिरोमणि सिंह ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में पार्षद निधि से 15-15 लाख रुपये के कार्य होने थे, इस वर्ष इसे बढ़ाकर तीस लाख रुपये कर दिया गया है। सड़क, नाली, हैंडपंप सहित अन्य जो भी प्रस्ताव दिए गए हैं, उन पर कोई काम नहीं हो रहा है। इससे जनता को परेशान होना पड़ रहा है। सड़कों पर गड्ढे हैं। पार्षद फौरन सिंह ने कहा कि पार्षद निधि के काम होने चाहिए। जनता को उन्हें जवाब देना पड़ता है। सफाई की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है। सीवर उफान मार रहे हैं। शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है। पार्षदों ने कहा कि 26 मई को सदन में बहुमत से प्रस्ताव पारित हुआ था, जिसमें पार्षद निधि से होने वाले कार्यो में मेयर और पार्षद का नाम अनिवार्य रूप से शिलापट्टिका में अंकित होगा। वहीं अवस्थापना निधि के ऐसे कार्य जिनमें विधायक या फिर सांसद प्रस्तावक हैं तो उनका नाम (विधायक / सांसद) का नाम अंकित होगा। प्रस्तावक न होने पर नाम अंकित नहीं होगा। मेयर और पार्षद का नाम अनिवार्य रूप से होगा। बैठक में तय हुआ कि सोमवार को पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर अनिल कुमार से मुलाकात करेगा। निगम के अफसरों की कार्यशैली से अवगत कराया जाएगा। इस दौरान प्रवीन पटेल, संजू सिकरवार, रवि शर्मा, राकेश जैन सहित अन्य मौजूद रहे।
सामूहिक गिरफ्तारी देंगे
शनिवार दोपहर बाद पार्षदों की बैठक हुई, जिसमें तय हुआ कि जिन पार्षदों के खिलाफ पिछले दिनों मुकदमा हुआ है। अगर उनकी गिरफ्तारी होती है तो सौ पार्षद सामूहिक गिरफ्तारी देंगे।