Adulteration: आगरा में समय के साथ घटने लगी मिलावटखोरों के नमूनों की जांच, ऐसे कैसे रुकेगी मिलावट
आगरा में सात नवंबर से शुरू हुआ था अभियान। पहले दिन 19 नमूने लिए गए थे 11 नवंबर को घटकर नमूनों की संख्या रह गई 13। दीपावली के त्योहार के बाद ठंडा पड़ जाएगा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का जोश।
आगरा, जागरण संवाददाता। दीपावली पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीमें जिस जोश के साथ मैदान में उतरी थीं, समय के साथ उसकी रफ्तार धीमी पड़ने लगी है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 7 नवंबर को विभिन्न टीमों ने जांच के लिए 19 नमूने लिए थे, वहीं 11 नवंबर को 13 नमूने लिए गए।
दीपावली पर शहरवासी मिलावटी खाद्य सामग्री के उपयोग से बच सकें, इसके लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीमें ताबड़तोड़ छापेमार कार्रवाई कर रही हैं। अब तक कुल 65 नमूने लिए जा चुके हैं। विभिन्न टीमें दूध, नमकीन, रिफाइंड आयल, मिर्च पाउडर, सोयाबीन रिफाइंड आयल, बेसन, बेसन के लड्डू, गजक, पनीर, केसर बर्फी, राजभोग, खोया, घी, दूध, रंगीन छैना, चायपत्ति, सरसों का तेल, काजू, टोस्ट, बटर इलायची टोस्ट, मैदा, केक, गजक, चाकलेट, माउथ फ्रेशनर्स, स्पेशल पंजाबी चिक्की, पिसी मिर्च, हल्दी पाउडर के नमूने ले रही हैं। लेकिन लोगों को त्योहार पर इस अभियान का लाभ नहीं मिलने वाला। जिस दुकान से उन्होंने मिठाई या दूसरी खाद्य सामग्री खरीदी है, वह मिलावटी है या शुद्ध है, इसका पता दीपावली के बाद ही लग पाएगा। इसलिए उन्हें अपने रिस्क पर ही खरीदी गई खाद्य सामग्री का उपयोग करना होगा। नियमानुसार, नमूने की जांच रिपोर्ट 14 दिन में आनी होती है। लेकिन लखनऊ प्रयोगशाला में कई जिलों से नमूने जांच के लिए आते हैं। ऐसे में भार होने की स्थिति में एक महीने से पहले जांच रिपोर्ट नहीं आ पाती। जब तक जांच रिपोर्ट आएंगी, तब तक त्योहार निकल जाएगा।