ब्रज की होली की जानकारी लीजिए अब हर दिन के अनुसार
उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद में मंदिर प्रतिनिधियों के साथ बैठक। वसंत पंचमी पर डांढ़ा गडऩे के साथ ही शुरू हो जाएगा महोत्सव।
आगरा, जेएनएन। ब्रज के होली महोत्सव के प्रचार-प्रसार और व्यवस्थित तरीके से आयोजन को लेकर उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने मंथन शुरू कर दिया है। इसके लिए 40 दिवसीय कैलेंडर बनाया जाएगा। इस कैलेंडर को देश भर में प्रसारित कराया जाएगा।
सब जग होली या ब्रज होरा। ब्रज की होली के लिए यह वाक्य इसलिए है कि देश-विदेश में होली भले ही एक दिन ही होती है, लेकिन ब्रज में होली का उत्सव पूरे चालीस दिन चलता है। बरसाना, नंदगांव, मथुरा, गोकुल, बलदेव रावल, मुखरई, फालैन, जाव में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। बरसाना की लड्डू और लठामार होली प्रसिद्ध है तो बलदेव का हुरंगा अपनी सतरंगी छटा के लिए मशहूर। गोकुल की छड़ीमार और रावल की होली का आनंद भी निराला है।
ब्रज की होली विश्व फलक पर चर्चित है, लेकिन तमाम लोगों को इन स्थानों पर होने वाली होली के आयोजन का क्रम और उनकी विशेषताओं के बारे में सटीक जानकारी नहीं है। तमाम स्थानों पर यह आयोजन मंदिर प्रबंधक या नगर निगम ही आयोजित कराती है।
उप्र ब्रज तीर्थ परिषद ने होली के इन आयोजन के स्वरूप में बिना कोई छेड़छाड़ किए, इसके बेहतर संयोजन और व्यवस्था के लिए एक योजना तैयार की है। इसके लिए तीर्थ परिषद के सभागार में बैठक बुलाई गई। इसमें नंदगांव, बरसाना, गोकुल, बलदेव के नगर पंचायत अध्यक्ष और द्वारिकाधीश मंदिर के पीआरओ राकेश तिवारी, वृंदावन के कुछ प्रमुख मंदिर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में सभी आयोजकों से उनकी परेशानियों और तीर्थ परिषद से उन्हें क्या मदद चाहिए, इसके बारे में पूछा गया। परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने इन आयोजन का एक कैलेंडर तैयार करने का प्रस्ताव रखा। इस पर सभी ने सहमति दी। तय किया गया कि कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही दूसरी बैठक होगी।