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Dengue D2 strain: डेंगू डी टू स्ट्रेन का बोन मेरो पर हमला, जानिए आप कैसे रह सकते हैं सुरक्षित

डेंगू में बुखार आने के तीसरे से लेकर पांचवां दिन सबसे ज्यादा घातक। 50 हजार से नीचे पहुंच रहे प्लेटलेटस। बोन मेरो में ब्लड स्टेम सेल्स होती हैं यहां से ही रक्त कोशिकाएं बनती हैं। बोन मेरो पर असर आने से हो रहा रक्‍तस्‍त्राव और मौत।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 01:35 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 01:35 PM (IST)
Dengue D2 strain: डेंगू डी टू स्ट्रेन का बोन मेरो पर हमला, जानिए आप कैसे रह सकते हैं सुरक्षित
डेंगू से बचाव को इस समय विशेष सावधानी बरते जाने की जरूरत है।

आगरा, अजय दुबे। डेंगू का डी टू स्ट्रेन बोन मेरो पर हमला कर रहा है। इससे प्लेटलेट्स काउंट कम हो रहे हैं, बुखार आने के तीसरे से लेकर पांचवां दिन घातक हो रहा है। प्लेटलेट्स काउंट कम होने के साथ रक्तस्राव होने से मौत हो रही हैं। बोन मेरो में ब्लड स्टेम सेल्स होती हैं, यहां से ही रक्त कोशिकाएं बनती हैं। एसएन मेडिकल कालेज के बाल रोग विशेषज्ञ डा नीरज यादव ने बताया कि डेंगू का डी टू स्ट्रेन बोन मेरो पर हमला कर रहा है। इससे बोन मेरो का कार्य प्रभावित हो रहा है और शरीर में खून और प्लेटलेट्स की कमी हो रही है। डेंगू वायरस से संक्रमित होने के दो से तीन दिन बाद बुखार आता है, बुखार तीन से चौथे दिन ठीक हो जाता है। मगर, इस दौरान डेंगू डी टू स्ट्रेन बोन मेरो तक पहुंच रहा है। इससे प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं और खून गाढ़ा हो जाता है। चौथे से पांचवें दिन प्लेटलेट्स काउंट 50 हजार (सामान्य स्तर 1 .50 से 4 लाख) से नीचे पहुंच जाते हैं, यह 20 हजार से नीचे पहुंच जाएं और रक्तस्राव होने लगे तो मरीज शाॅक में चला जाता है। ब्लड प्रेशर कम होने लगता है, ऐसे केस में मरीज को बचाना मुश्किल है। वहीं, पांचवें दिन के बाद रिकवरी फेज (ठीक होना) शुरू हो जाता है। शरीर में दर्द, कमजोरी और थकान रहती है लेकिन खतरा कम हो जाता है। 10 दिन बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता है।

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48 घंटे होते हैं अहम, रखी जाती है नजर

एसएन के डेंगू के नोडल अधिकारी डा. मृदुल चतुर्वेदी ने बताया कि बुखार आने के चौथे से पांचवें दिन खून खून गाढ़ा हो जाता है। 48 घंटे मरीज पर नजर रखी जाती है। शरीर में तरल पदार्थ की कमी न हो इसके लिए फ्लूइड अधिक दिया जाता है। रक्तस्राव होने पर प्लेटलेट्स काउंट 10 हजार से नीचे पहुंचने पर जंबो पैक चढ़ाने की जरूरत होती है। 20 हजार से अधिक प्लेटलेट्स काउंट हैं और रक्तस्राव नहीं हो रहा है तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती है।

डेंगू से सुरक्षित कैसे रहा जा सकता है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए बचाव सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। मच्छरों से बचने के प्रयास करे, डेंगू के मच्छर दिन के समय में अधिक काटते हैं। पूरी आस्तीन वाले कपड़ों को पहनें। डेंगू के मच्छर आम तौर पर स्थिर और साफ पानी में प्रजनन करते हैं, इसलिए मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए पानी एकत्रित न होने दें। सप्ताह में कम से कम एक बार खाली कंटेनर, फूलदान, कूलर आदि से पानी निकालकर उन्हें साफ जरूर कर लें। इस तरह के बचाव के उपायों को प्रयोग में लाकर डेंगू के संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है। 


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