पर्दे में रहने दो, पर्दा न हटाओ, गर्मी में लड़के हों या लड़कियां सबको चाहिए चेहरे पर 'कवच'
दुपट्टा स्कार्फ स्टोल व कोट की बढ़ी बिक्री। बाजारों में उपलब्ध हैं वैरायटी। युवकों के बीच भी परंपरागत सफेद रंग की साफी की जगह अब कलरफुल स्कार्फ की डिमांड है। दो पहिया वाहन चलाने वाली महिलाओं व युवतियों के लिए खास तरह के सूती कोट भी मिल रहे हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। एक फिल्मी गाने की पंक्तियां है पर्दे में रहने दो पर्दा ना हटाओ। यह पंक्तियां इन दिनों शहर की हर युवती और हर महिला पर सटीक बैठ रही है। धूप की तेज किरणों से खुद को बचाने के लिए महिलाएं व युवतियों स्कार्फ़, दुपट्टा व स्टोल का सहारा लेती हैं। यही वजह है कि बाजार में इनकी बहुत बड़ी रेंज उपलब्ध है। युवितयां ही नहीं युवक भी बाइक चलाते में चेहरे को ढकने के लिए स्कार्फ या साफी का इस्तेमाल कर रहे हैं। परंपरागत सफेद रंग की साफी की जगह अब कलरफुल स्कार्फ की डिमांड है, जैसा टाइगर में सलमान खान ने गले में डाल रखा था।
सूती दुपट्टे हैं पसंदीदा
जिस तरह गर्मी में सूती कपड़े लोगों की पहली पसंद होते हैं, उसी तरह चेहरे ढकने के लिए युवतियों व महिलाओं को सूती दुपट्टे पसंद आते हैं। सूती दुपट्टों की वैरायटी हर कपड़े की दुकान पर मिल जाती है। इनमें लहरिया से लेकर प्रिटेंड और घुंघरू वाले से लेकर सादा सफेद दुपट्टे शामिल हैं। इनकी कीमत 50 से 100 रुपये के बीच में है। राजामंडी में दुपट्टे के विक्रेता राजकुमार ने बताया कि गर्मियों में सबसे ज्यादा सूती दुपट्टे की मांग होती है। कालेज जाने वाली युवतियां और फील्ड वर्क करने वाली लड़कियां सबसे ज्यादा यही खरीदती हैं।
स्कार्फ और स्टोल की भी हैं मांग
दुपट्टे के अलावा स्टाइल के लिए युवतियां स्कार्फ व स्टोल भी खरीदती हैं। यह स्टोल व स्कार्फ जींस व वेस्टर्न ड्रेसेज के साथ ज्यादा पहने जाते हैं। स्टोल की चौड़ाई कम होती है, इसलिए इन्हें युवतियां खास पसंद करती हैं। स्कार्फ को चेहरे पर बांधने के अलावा फैशन के लिए गले में डालने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इनकी कीमत 100 से 250 रुपये के बीच है।
गर्मियों के लिए उपलब्ध हैं खास कोट
बाजार में धूप में दो पहिया वाहन चलाने वाली महिलाओं व युवतियों के लिए खास तरह के सूती कोट भी मिल रहे हैं। इनमें टोपी व मुंह पर बांधने के लिए मास्क जुड़ा होता है। इससे हाथ भी पूरी तरह से ढक जाते हैं। इनकी कीमत 300 से 500 रुपये के बीच में है। राजामंडी में यह कोट खरीद रही काजल ने बताया कि इस एक कोट में ही तीन चीजें हैं। टोपी, मास्क और दस्ताने अलग से नहीं रखने पड़ते।