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मुआवजे की मांग पर अटका मृतकों का अंतिम संस्कार

आगरा: बरहन कस्बे के आलोक नगर में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आकर मृत पिता पुत्रों के शव बरहन पहुंचे। परिजन और ग्रामीण कर रहे मुआवजे की मांग।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 10:58 AM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 12:19 PM (IST)
मुआवजे की मांग पर अटका मृतकों का अंतिम संस्कार
मुआवजे की मांग पर अटका मृतकों का अंतिम संस्कार

आगरा(जागरण संवाददाता): बरहन कस्बे के आलोक नगर में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आकर मृत पिता और दो पुत्रों के शव बुधवार सुबह गाव पहुंचे। लाशों को देख परिजनों में कोहराम मच गया। गाव में मातम छा गया। उधर मुआवजे की माग को लेकर ग्रामीणों ने बाजार बंद कर बरहन चौराहे पर धरना दे दिया। परिजन और ग्रामीण 15- 15 लाख के मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं। मुआवजे के बाद ही अंतिम संस्कार की क्रिया करने की बात कर रहे हैं। ग्रामीण और परिजनों को समझाने के लिए मौके पर सांसद और विधायक भी पहुंच गए हैं। हालांकि एसडीएम अभिषेक सिंह द्वारा मुख्यमंत्री सर्व हित बीमा योजना के अंतर्गत पांच- पांच लाख रुपये और तीस- तीस लाख परिवार योजना के अंतर्गत दिलवाने की बात कही जा रही है। मुआवजे के संदर्भ में एसडीएम द्वारा जिलाधिकारी से फोन पर वार्ता की जा रही है।

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मामले के अनुसार आलोक नगर निवासी हीरा सिंह मंगलवार रात को अपने घर के बाहर बना सेप्टिक टैंक को साफ करा रहे थे। उसमें उतरे चार मजदूर जहरीली गैस से बेहोश होकर गिर गए थे। हीरा सिंह और उनके पुत्र हेमंत और यशपाल मजदूरों को बचाने टैंक में उतरे तो वह भी बेहोश हो गए। फायर ब्रिगेड ने रेस्क्यू करके सातों लोगो को सेप्टिक टैंक से निकाला तब तक पिता पुत्रों की मौत हो चुकी थी।

एसएन इमरजेंसी पर ग्रामीणों ने पुलिस को रात दो बजे तक शवों को नहीं उठने दिया। वह मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की माग कर रहे थे। पुलिस- प्रशासन के अधिकारियों द्वारा समझाने और मुआवजा का आश्वासन देने के बाद ही परिजनों ने शव एसएन से उठने दिए। इसके बाद शवों के पंचनामा की कार्रवाई हो सकी। बुधवार सुबह चार बजे से शवों का पोस्टमार्टम शुरू हुआ। सुबह सात बजे पिता और पुत्रो के शव गाव पहुंचे।

हेमंत और यशपाल की लाशों पर बच्चों को बिलखता देख वहा मौजूद लोगों की आख भी नाम हो गईं। उधर मुआवजे की माग को लेकर ग्रामीणों ने कस्बे का बाजार बंद करा दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण बरहन चौराहे पर पहुंचे और वहां जाम लगा धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना था कि जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता वह शवों का अंतिम संस्कार नही करेंगे। जानकारी होने पर पुलिस- प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं, ग्रामीणों और मृतकों के परिजनों को मनाने की कोशिश में जुटे हैं।


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