21 घंटे बाद आखिरकार खत्म हुआ इंतजार, दो गज जमीन का इंतजाम होने पर हो सका अंतिम संस्कार Agra News
फीरोजाबाद में नारखी के गांव नगला रूंध में पप्पू की बीमारी से हुई थी मौत। गांव में नहीं है श्मशान की भूमि।
आगरा, जेएनएन। आखिरकार 21 घंटे बाद प्रशासन की नींद टूटी और शव का अंतिम संस्कार हो सका। मंगलवार शाम पांच बजे बीमारी से एक व्यक्ति की मौत हुई। स्वजन रातभर शव के दाह संस्कार के लिए दो गज जमीन का इंतजाम कर सके। सुबह तक कवायद चलती रही। स्वजन इधर से उधर चक्कर काटते रहे। आखिर दोपहर दो बजे जमीन का इंतजाम हुआ और मृतक का अंतिम संस्कार हो सका।
दरअसल पप्पू पुत्र मेघ सिंह फीरोजबाद में नारखी के गांव नगला रूंध में अपनी ससुराल में रहता था। 40 वर्षीय पप्पू यहां रहकर मजदूरी करता था। उसकी कोई निजी जमीन नहीं थी। मंगलवार शाम पांच बजे बीमारी के चलते पप्पू की मौत हो गई। गांव में श्मशान की भूमि न होने के कारण लोग अपनी निजी जमीन या खेत पर ही अंतिम संस्कार करते हैं। ऐसे में पप्पू के अंतिम संस्कार के लिए जमीन नहीं मिल पा रही थी। मंगलवार शाम से बुधवार दोपहर तक स्वजन भटकते रहे। आखिरकार दोपहर करीब एक बजे सूचना पर टूंडला तहसील से लेखपाल और कानूनगो पहुंचे और जमीन की नपाई करवाई। तब कहीं करीब दो बजे जाकर पप्पू का अंतिम संस्कार हो सका। बता दें कि यही जमीन चार माह पूर्व पुष्पा नाम की महिला के अंतिम संस्कार को प्रशासन ने दिलाई थी लेकिन इसपर दबंगों का कब्जा हो गया। गांव प्रधान का कहना है कि श्मसान के लिए गांव की बैठक के पास की भूमि का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा जाएगा।