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Agra: 8 साल में एजेंसी ने दी 10 लाख डिग्रियां, अब भी 10 हजार आवेदन, कालेज और विश्वविद्यालय के बीच फंसे छात्र

Dbrau डिग्रियों के लिए 10 हजार आवेदन लंबित हैं। सात बार चलाए गए हैं वितरण के विशेष अभियान बंट चुकी हैं आठ लाख डिग्रियां। एजेंसी में अब भी रखी हैं 20 हजार डिग्रियां लेने नहीं आए कालेज।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Wed, 01 Feb 2023 01:33 PM (IST)Updated: Wed, 01 Feb 2023 01:33 PM (IST)
Agra: 8 साल में एजेंसी ने दी 10 लाख डिग्रियां, अब भी 10 हजार आवेदन, कालेज और विश्वविद्यालय के बीच फंसे छात्र
Agra News: सात बार चलाए गए हैं वितरण के विशेष अभियान, बंट चुकी हैं आठ लाख डिग्रियां।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की एजेंसी 2014 से 2021 तक 10 लाख डिग्रियां तैयार करके दे चुकी है, इसके बाद भी छात्र डिग्री के लिए हर रोज विश्वविद्यालय के चक्कर काटते हैं। इस समस्या को खत्म करने के लिए सालों से विश्वविद्यालय स्तर से कार्य किए जा रहे हैं। इसके बाद भी हजारों लंबित आवेदन हैं।विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल के कार्यकाल में तैयार रखी सात लाख डिग्रियों और अंकतालिकाओं के वितरण के लिए विशेष अभियान भी शुरू किए गए, जिसमें कालेज छलेसर परिसर से डिग्रियां और अंकतालिका ले जाते थे।अब भी लगभग 20 हजार डिग्रियां एजेंसी में रखी हुई हैं।

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तैयार रखी थीं सात लाख डिग्रियां

पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल के कार्यकाल में विश्वविद्यालय में सात लाख डिग्रियां और अंकतालिकाएं तैयार रखी थीं, जिन्हें वितरित करने के लिए अब तक सात बार विशेष अभियान चल चुके हैं।इसके बाद 2021-22 की डिग्रियां भी वितरित की गईं।सहायक कुलसचिव पवन कुमार ने बताया कि इन सात अभियानों में 2014 से 2021 तक की आठ लाख से ज्यादा डिग्रियां वितरित की जा चुकी हैं।लगभग 20 हजार डिग्रियां अब भी एजेंसी में रखी हुई हैं, जिन्हें लेने कालेज नहीं आए हैं।

एजेंसी द्वारा दी गई डिग्रियां

  • सत्र कुल डिग्रियां
  • 2014-15 - 161380
  • 2015-16- 167054
  • 2016-17- 199208
  • 2017-18- 128690
  • 2018-19- 129217
  • 2019-20- 102708
  • 2020-21- 127092

कालेज और विश्वविद्यालय के बीच फंसे छात्र

बबिता मौर्य ने 2015-17 में बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय से बीएड किया था।बबिता को प्रथम वर्ष की अंकतालिका अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।मथुरा के रंजीत कुमार ने 2018 में बीएससी की थी लेकिन अभी तक अपनी डिग्री के लिए चक्कर काट रहे हैं।

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कासगंज की रुकैया ने आरबीएस से 2019 में बीए किया था, लेकिन चार बार आवेदन के बाद भी डिग्री नहीं मिली है।विश्वविद्यालय में 10 हजार से ज्यादा लंबित आवेदन हैं।

इस बारे में कुलसचिव डा. विनोद कुमार सिंह का कहना है कि डिग्री और अंकतालिकाओं की समस्याएं काफी हद तक समाप्त हो चुकी हैं, जो छात्र आ रहे हैं उनकी समस्याओं को भी जल्द से जल्द खत्म कर दिया जाएगा। 


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