World Heart Day 2019: महिलाएं और मधुमेह रोगियों के दिल की 'फूल रही सांस' Agra News
सीने में दर्द के बजाय सांस फूलना हार्ट अटैक का लक्षण। तनाव बदली जीवनशैली और धूमपान से बढ़ रहे हृदय रोग।
आगरा, जागरण संवाददाता। महिलाएं और मधुमेह रोगियों की दिल की सांस फूल रही है। इन्हें हार्ट अटैक पडऩे पर सीने में दर्द नहीं हो रहा है, सांस फूलने लगती है। इस तरह के केस में गोल्डन आवर ( हार्ट अटैक पडऩे के बाद का पहला घंटा) में इलाज मिलने से जान बच सकती है।
पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक और हृदय रोग के प्रमुख लक्षणों में सांस फूलना सामने आ रहा है। इसे लोग सांस संबंधी समस्या समझते हैं, इससे हृदय रोग डायग्नोज नहीं हो पाता है। ऐसे केस में हार्ट अटैक पडऩे पर मौत तक हो रही हैं। सांस फूलने के लक्षण के साथ 10 फीसद हृदय रोगी ही हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श ले रहे हैं। 90 फीसद मरीज फिजीशियन और चेस्ट फिजीशियन को दिखाते हैं, यह घातक होने लगा है।
55 साल की उम्र के बाद महिलाओं में बढ़ रहे हृदय रोग
महिलाओं में 55 साल की उम्र के बाद हृदय रोग की समस्या बढ़ रही है। इसके पीछे हार्मोन का असंतुलन है, महिलाओं मेंं 45 से 50 की उम्र के बीच मीनोपॉज होने से हार्मोन का स्तर गड़बड़ाने लगता है। इससे हृदय रोग की आशंका बढ़ रही है।
परिजनों को हार्ट अटैक, बच्चों को खतरा
जिन लोगों के परिवार में हार्ट अटैक पड़ चुका है उन्हें सतर्क रहना चाहिए। परिवार में हार्ट अटैक की हिस्ट्री होने पर बच्चों को हृदय रोग होने की आशंका रहती है।
हृदय रोग के कारण
- तनाव, आराम तलब जिंदगी, फास्ट फूड का सेवन
- धूमपान, शराब का सेवन
- परिवार में हृदय रोग की हिस्ट्री
- अनियंत्रित मधुमेह
विशेषज्ञों की राज
महिलाएं, मधुमेह रोगी, बुजुर्ग और धूमपान करने वालों में हार्ट अटैक पडऩे पर सांस फूलने लगती है, इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जिन परिवारों में हृदय रोग और हार्ट अटैक की हिस्ट्री है, वे नियमित खून सहित अन्य हृदय संबंधी जांच कराते रहें।
डॉ. जीके अनेजा, हृदय रोग विशेषज्ञ, प्राचार्य एसएन मेडिकल कॉलेज
मधुमेह रोगियों में हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण सांस फूलना है, इसे अस्थमा और सांस संबंधी समस्या समझते हुए लोग चेस्ट स्पेशलिस्ट और फिजीशियन को दिखाते हैं। इस तरह के केस में हृदय रोग विशेषज्ञ से गोल्डन आवर में इलाज लेने से जान बच सकती है।
डॉ. मनीष शर्मा, हृदय रोग विशेषज्ञ