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श्रीराम के जयघोष के साथ निकाली गई दशहरा शोभायात्रा

जटपुरा स्थित प्राचीन श्रीरामचंद्र मंदिर से निकाली गई शोभायात्रा में रहीं 40 झांकियां, जगह-जगह स्वागत

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 10:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 10:30 AM (IST)
श्रीराम के जयघोष के साथ निकाली गई दशहरा शोभायात्रा
श्रीराम के जयघोष के साथ निकाली गई दशहरा शोभायात्रा

आगरा (जेएनएन): अधर्म पर धर्म की विजय के पर्व दशहरा की पावन बेला। फिजां में बहती शीतल बयार। जन-जन के आराध्य प्रभु श्रीराम अनुज लक्ष्मण संग डोले पर सवार होकर निकले तो उनके दर्शनों को भीड़ उमड़ गई।

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दशहरा की संध्या पर जटपुरा स्थित प्राचीन श्रीराम मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई। इसका शुभारंभ मेयर नवीन जैन और विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने श्रीराम व लक्ष्मण जी के स्वरूपों की आरती उतारकर किया। शोभायात्रा में श्रीराम और लक्ष्मण का वानर सेना के साथ रावण से युद्ध आकर्षण का केंद्र रहा। भगवान शंकर की भस्म आरती की सजीव झांकी देख श्रद्धालु भक्ति विभोर हो उठे। शोभायात्रा में खाटू श्याम, हनुमान जी, शिव परिवार, राम दरबार, स्वच्छता अभियान, नारियल से निकलती देवी माता, महाकाल, रामजी का विजय रथ सहित 40 सवारियां शामिल थीं। शोभायात्रा न्यू राजा मंडी, तोता का ताल, आलमगंज, लोहामंडी, बल्देव गंज, राजा की मंडी बाजार होते हुए सेंट जोंस चौराहा पहुंचकर संपन्न हुई।

यह रहे मौजूद

श्याम भदौरिया, राहुल चतुर्वेदी, रवि प्रकाश अग्रवाल, विनय अग्रवाल, राजपाल यादव, लखपत अग्रवाल, हेमंत प्रजापति, संजय अग्रवाल, पार्षद शरद चौहान, विनोद अग्रवाल, मौनी पारीक, हर्षित पाठक, शैलेंद्र सिंह राणा, रामकुमार अग्रवाल आदि मौजूद रहे। शुभ संकल्प दिवस के रूप में मनाया दशहरा

आगरा: लंकापति दशानन रावण पूजा आयोजन समिति ने दशहरा शुभ संकल्प दिवस के रूप में मनाया। रामलाल वृद्धाश्रम, कैलाश में हुए कार्यक्रम में रावण की पूजा की गई।

आयोजन समिति के अध्यक्ष मदन मोहन शर्मा ने कहा कि शिवभक्त रावण प्रभु लीला के लिए मुनियों के श्राप से लंकापति बना। क्या आप समाज में व्याप्त बुराइयों को छोड़ना चाहेंगे या फिर रावण दहन कर खुश हो जाएंगे? ¨हदू संस्कृति में एक बार ही किसी व्यक्ति का अंतिम संस्कार होता है, इसीलिए रावण का पुतला बार-बार दहन करना अनुचित है। उमाकांत सारस्वत व विनय कुमार शर्मा ने कहा कि यदि कलियुग में मारना ही है तो अपने भीतर के रावण को मारो। नाट्यकर्मी अलका सिंह ने बताया कि दशहरे को हमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण बचाओ, यमुना स्वच्छता दिवस के रूप में मनाना चाहिए। इस दौरान शिव कुमार, नारायन हरी सारस्वत, सूर्यप्रकाश सारस्वत, अभिषेक सारस्वत, अभिनंदन सारस्वत, प्रवीन सारस्वत, जितेंद्र सारस्वत, सोनू शर्मा, तुषार शर्मा, सचिन पाठक आदि मौजूद रहे।


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