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Fasteg: सहूलियत की जगह रफ्तार पर लगा ब्रेक, पड़ताल में खुली सुविधा की पोल Agra News

टोल प्लाजा पर जाम में बिना फंसे नहीं निकल पा रहे फास्टैग लगे वाहन। दिन की अपेक्षा रात में होती है अधिक परेशानी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 02:00 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 02:00 PM (IST)
Fasteg: सहूलियत की जगह रफ्तार पर लगा ब्रेक, पड़ताल में खुली सुविधा की पोल Agra News
Fasteg: सहूलियत की जगह रफ्तार पर लगा ब्रेक, पड़ताल में खुली सुविधा की पोल Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। सहूलियत के लिए तैयार किया गया फास्टैग वाहन चालकों का सिरदर्द बन गया है। फास्टैग व्यवस्था को लागू हुए आज पूरा एक माह बीत गया, लेकिन शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जब कोई वाहन चालक बिना रुके टोल से गुजरा हो। नियमानुसार फास्टैग लगा वाहन टोल पर बिना रुके निकलना चाहिए। एनएचएआइ के अधिकारी कभी-कभार फास्टैग की लाइन में जाम होने की बात कहते हैं, जबकि स्थिति इसके एकदम विपरीत है। शुक्रवार को ‘दैनिक जागरण’ टीम ने मथुरा मार्ग पर महुअन, फतेहपुरसीकरी स्थित गोरई, खंदौली के बारोस एवं खेरागढ़ के सैंया टोल प्लाजा पर पड़ताल की। पता चला कि बिना फास्टैग वाली गाड़ियों को निकलने में एक घंटा तथा फास्टैग लगे वाहनों को निकलने में आधा घंटा से अधिक समय लग रहा है।

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14 से 28 तक फ्री बनेंगे फास्टैग

फास्टैग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने फास्टैग फ्री बनाने के लिए 14 से 28 तक अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस दौरान फास्टैग कार्ड का 100 रुपये मूल्य नहीं लिया जाएगा। इंडियन हाइवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड सभी टोल पर कैंप लगाकर फ्री फास्टैग कार्ड बनाएगी।

नहीं है फ्री में निकलने का कोई नियम

टोल पर यदि आप जाम में फंसे हैं तो आपको फ्री में निकालने का कोई नियम नहीं है। एनएचएआइ मथुरा खंड के परियोजना निदेशक मो. सफी ने बताया कि पूरा प्रयास किया जाता है कि कोई वाहन जाम में न फंसे, लेकिन यदि जाम में फंसता है तो उसे फ्री में निकालने का कोई नियम नहीं है। यह सब वाट्सएप के जरिए भ्रम फैलाया जा रहा है।

केस-1

फरह के महुअन टोल प्लाजा पर सुबह फास्टैग एवं कैश वाली लाइन पर वाहनों की कतार थी। हां यह अलग बात है कि कैश वाली लाइनों में ज्यादा वाहन थे, वहीं फास्टैग वाली कई लाइन होने के कारण वाहनों की संख्या कम थी, लेकिन यहां बिना रुके फास्टैग वाले वाहन नहीं निकल रहे थे। टोल मैनेजर आरके तिवारी ने बताया कि कभी-कभार फास्टैग कनेक्ट होने में परेशानी हो जाती है। रात में ओवरलोड वाहन फास्टैग में जाम का कारण बन जाते हैं।

केस-2

फतेहपुर सीकरी, गोरई टोल प्लाजा पर फास्टैग की लाइन में बिना फास्टैग वाले वाहन चालक जाम का कारण बने थे। पैनल्टी वसूली पर झगड़े की नौबत आ रही थी। ऐसे में उन्हें समझा-बुझाकर कैश की लाइन से निकाला जा रहा था। इस दौरान फास्टैग की लाइन में जाम लग रहा था। टोल मैनेजर मनीष रंजन ने बताया कि कैश लाइन से निकलने वाले वाहनों को इंतजार करना पड़ता है।

केस-3

खंदौली के बारोस टोल प्लाजा से 50 फीसद वाहन फास्टैग वाले निकल रहे थे। 50 फीसद वाहन कैश की लाइन से निकल रहे थे। जिन वाहनों में फास्टैग लगा था, उनमें कई में धनराशि न होने के कारण जाम की स्थिति पैदा हो हो रही थी। इसके कारण पीछे फास्टैग वाले वाहन स्वामियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। टोल प्रबंधक सचिव शर्मा ने बताया कि गुरुवार रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक फास्टैग वाली दो हजार तथा बिना फास्टैग की 2295 गाड़ियां टोल प्लाजा से निकलीं।

केस-4

खेरागढ़ स्थित सैया टोल प्लाजा पर सुबह के समय वाहनों की अधिकता के चलते बिना फास्टैग लाइन से एक वाहन को गुजरने में लगभग पांच से सात मिनट का समय लगा। इसके चलते एक किलोमीटर तक वाहनों की लाइन लग गई। फास्टैग वाहनों को टोल से गुजरने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता। एक-दो मामले में फास्टैग डिटेक्ट न होने पर वाहनों को रोका जा रहा था। टोल मैनेजर रमेश चंद सोलंकी ने बताया कि शुक्रवार की सुबह 10 से 11 बजे के बीच लगभग 400 वाहन फास्टैग के तथा सौ वाहन बिना फास्टैग वाले गुजरे।

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार अधिकारी

अभी शत प्रतिशत वाहनों में फास्टैग नहीं लगा है। यदि सभी वाहनों में फास्टैग लग जाए तो टोल पर जाम की समस्या स्वत: ही खत्म हो जाए। मेरे अधीन बारोस और मडराक टोल हैं। यहां बिना फास्टैग वाला वाहन जब फास्टैग की लाइन में चला जाता है तो जाम का कारण बनता है।

सूर्य प्रताप सिंह, पीडी, एनएचएआइ आगरा-अलीगढ़ खंड

मेरे अधीन महुअन और पलवल टोल प्लाजा हैं। टोल से 80 फीसद वाहन फास्टैग के गुजर रहे हैं। एक दिन में 25 हजार के करीब वाहन महुअन टोल से गुजरते हैं। कभीकभार फास्टैग के कनेक्ट न होने पर वाहन को निकलने में देरी हो जाती है। इसके अलावा जाम का कोई कारण नहीं है।

मो. सफी, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ मथुरा खंड


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