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Cyber Crime: आगरा के बिल्डिंग मैटेरियल व्यापारी से साइबर शातिरों ने 3.35 लाख रुपये ठगे, पढ़ें बचाव का तरीका

Cyber Crime अकोला के व्यापारी के साथ हुई घटना मुकदमा दर्ज कराने को छह महीने से रहा है भटक। राजस्थान की कंपनी से सरियाें का बुक किया था आनलाइन आर्डर। रकम ट्रांसफर कराने के बाद शातिरों ने गूगल से हटा लिया सारी जानकारी।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 09:21 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 09:21 AM (IST)
Cyber Crime: आगरा के बिल्डिंग मैटेरियल व्यापारी से साइबर शातिरों ने 3.35 लाख रुपये ठगे, पढ़ें बचाव का तरीका
रकम ट्रांसफर कराने के बाद शातिरों ने गूगल से हटा लिया सारी जानकारी।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के बिल्डिग मैटीरियल व्यापारी को साइबर शातिरों ने अपना शिकार बना लिया।आनलाइन आर्डर बुक कराने का झांसा देकर व्यापारी से 5.35 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। माल की डिलीवरी नहीं होने पर व्यापारी ने दिए गए नंबर पर फोन किया तो शातिरों ने उसे स्विच आफ कर दिया। यही नहीं रकम ट्रांसफर कराने के बाद शातिरों ने गूगल से अपनी सारी जानकारी हटा ली। पीड़ित छह महीने बाद भी मुकदमा दर्ज कराने को भटक रहा है।

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कागारौल के अकोला निवासी मनोज कुमार का बिल्डिंग मैटीरिय, पत्थर और सरिया का काम है। वह राजस्थान के इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित इस्पात कंपनी से अपना माल मंगाते थे।रकम का भुगतान पेशगी में करने के बाद कंपनी से माल उनके पास आ जाता था। मनोज कुमार ने बताया पिछले वर्ष अगस्त में उनके पास गूगल के माध्यम से ईमेल आया।जो कि माल भेजने के संबंध में था। उन्होंने एक वेबसाइट पर आनलाइन आर्डर बुक कराया।इसके बदले में उनसे 5.35 लाख रुपये कंपनी से अपने खाते में ट्रांसफर करने की कहा। वह हर रकम पेशगी में भुगतान करते थे। इसलिए कंपनी द्वारा दिए गए खाता संख्या में आनलाइन रकम ट्रांसफर कर दी।

तय समय के बाद जब माल नहीं आया तो उन्होंने वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। दूसरी ओर से खुद को कंपनी का अधिकारी बताने वाले ने जल्द ही सरियों की डिलीवरी भेजने की कहा। माल नहीं पहुंचने पर कई बार कंपनी के अधिकारी को फाेन किया। वह हर बार टालमटोल कर देता। एक महीने बाद उसने अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया। इसके साथ ही आरोपित गूगल पर कंपनी से संबंधित डाली गई सारी जानकारी भी हटा दी। इससे उन्हें अपने साथ धोखाधडी का अहसास हुआ। मनोज के मुताबिक थाने से लेकर अधिकारियों तक यहां फोन किया, लेकिन उनका मुकदमा अभी तक दर्ज नहीं हुआ।

सतर्कता ही है साइबर शातिरों से बचाव का तरीका

रेंज साइबर सेल के प्रभारी शैलेश कुमार सिंह कहते हैं कि कुछ सतर्कता बरतकर हम वर्चुअल दुनिया के शातिरों की ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं। धोखाधड़ी से बचने को यह रखें ध्यान

-इंटरनेट मीडिया पर कोई सामान या सेवा खरीदने से पहले विक्रेता के संबंध में पूर्ण जानकारी सत्यापित कर लें। जैसे उसके खाते में अंकित नाम-पता आदि।

-किसी डिजीटल वालेट या इंश्योरेंस सेवा आदि के कस्टमर केयर का नंबर गूगल से सर्च न करें। हमेशा उसे कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध कस्टमर केयर से सर्च करें। अधिकांश साइबर शातिर गूगल पर अपना विवरण शीर्ष पर डालने में सफल हो जाते हैं। अनजान व्यक्ति ऐसी साइट पर जाकर अपनी समस्याएं बताते हुए अपनी महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा कर बैठते हैं। इसका बाद में दुरुपयोग हो जाता है।

-किसी अनजान व्यक्ति के कहने से अपने मोबाइल पर anydesk/ammydesk/team viewer quick support आदि एप डाउनलोड न करें।एेसा करने पर दूर बैठे साइबर शातिर पूरी तरह से आपके मोबाइल की स्क्रीन साझा करने के साथ उसे हैक कर लेते हैं।

-कभी भी अपने डिजीटल वालेट या एकाउंट की केवाइसी आनलाइन अपडेट न करें।

-किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए कुछ धनराशि को प्राप्त करने संबंधी लिंक या क्यूआर कोड को अपने फोन से स्कैन न करें। साइबर शातिर आपको विश्वास में लेने के लिए इस तरह के लालच देता है। 


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