दिल्ली के साइबर शातिर गिरफ्तार, खातों से निकाले एक करोड़
साइबर सेल ने सरगना समेत पाच दबोचे 40 हजार क्रेडिट-डेबिट कार्ड का डाटा मिला दर्जनों फर्जी सिम एटीएम व आधार कार्ड बरामद निशाने पर थे उत्तर भारत के खाता धारक
By Edited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 07:01 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। ढाई वर्ष में सैकड़ों लोगों के बैंक खातों से करीब एक करोड़ रुपये निकाल चुके दिल्ली के साइबर शातिरों को सरगना समेत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गैंग से उत्तर भारत के करीब 40 हजार लोगों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड का डाटा मिला है। इनके बैंक खाते शातिरों के निशाने पर थे। आरोपितों से दर्जनों फर्जी सिम, आधार एवं एटीएम कार्ड भी बरामद हुए हैं। गिरोह ने आगरा के दर्जनों लोगों को निशाना बनाया है। पुलिस के अनुसार पकड़े गैंग का सरगना रोहित निवासी तिलक नगर, नई दिल्ली है। गिरफ्तार अन्य शातिरों के नाम रवि निवासी तिलक नगर, नई दिल्ली, राज प्रवीण सिंह, विक्की और शुभम निवासीगण नरेला, दिल्ली हैं। सरगना रोहित ने पूछताछ में बताया कि लोगों के पैन, क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड का डाटा वह हैकरों से खरीदते थे। इसके बाद वह और रवि क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट के अधिकारी बनकर संबंधित व्यक्ति को फोन करते थे। निजी जानकारियों के बारे में बताने पर क्रेडिट कार्ड धारक को उन पर विश्वास हो जाता था। इसके बाद उनके खातों से ई-वॉलेट या यूपीआइ से अपने खाते में रकम ट्रांसफर कर देते थे। गैंग के सदस्यों ने बताया कि वह करीब ढाई साल से यह काम कर रहे थे। अब तक सैकड़ों लोगों के खातों से करीब एक करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। सरगना रोहित से बरामद पैन ड्राइव में करीब 40 हजार लोगों का क्रेडिट-डेबिट एवं पैन कार्ड का डाटा है। इसके अलावा 41 फर्जी सिम एवं चार आधार कार्ड, सात एटीएम कार्ड, एक सोने की चेन, बुलट बाइक और 26 हजार522 रुपये बरामद हुए हैं। एसपी क्राइम राजेश सोनकर के मुताबिक गैंग पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है। शातिरों को पकड़ने वाली टीम में साइबर सेल प्रभारी एसआइ अमित कुमार, विजय तोमर, जितेंद्र बबलू कुमार, इंतजार, शेर सिंह आदि थे। 30 बैंक खाते सीज कराके गैंग तक पहुंची पुलिस साइबर सेल को गैंग का सुराग छह महीने के दौरान 30 बैंक खाते सीज कराने के बाद मिला। हुआ यूं कि सदर क्षेत्र निवासी एक फौजी से फरवरी में शातिरों ने बैंक अधिकारी बनकर उसके डेबिट कार्ड की जानकारी ली और 20 हजार रुपये निकाल लिए। मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। यह रकम खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करके निकाली गई थी। साइबर सेल ने खाता धारक का पता सत्यापित नहीं होने पर बाकी खातों की तरह उसे भी सीज करा दिया। बैंकों को इन खाता धारकों के आने पर सूचना देने की कहा गया था। फौजी की रकम जिस खाते में ट्रांसफर करके निकाली गई, उसे दोबारा चालू कराने के लिए गैंग का एजेंट पहुंचा था। एजेंट को पकड़कर उसके माध्यम से पुलिस गैंग तक पहुंच गई।
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