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दशहरी का मजा ले नहीं पाएंगे अब ज्‍यादा दिन, जानिए क्‍या है वजह Agra News

सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली प्रजाति बेमौसम बारिश और आंधी से हुई है प्रभावित। बाजार में नहीं घट रहा है दाम थोक बाजार भी है महंगा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 09:19 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 09:19 PM (IST)
दशहरी का मजा ले नहीं पाएंगे अब ज्‍यादा दिन, जानिए क्‍या है वजह Agra News
दशहरी का मजा ले नहीं पाएंगे अब ज्‍यादा दिन, जानिए क्‍या है वजह Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। बोहर पर ठंड की मार और फल आने पर आंधी के वार ने दशहरी आम का उत्पादन प्रभावित किया है। इससे सिकंदरा फल मंडी में आमद 70 फीसद तक घट गई है। गुणवत्ता भी प्रभावित हुई और अगले तीन सप्ताह के बाद दशहरी बाजार में मुश्किल ही नजर आएगी।

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दशहरी आम सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली प्रजाति है। जब पेड़ों पर बोहर आया था, उस समय ठंड अधिक पड़ गई थी। इससे बोहर झड़ गया था। 30 से 40 फीसद का उसमें नुकसान का आंकलन है। इसके बाद जब पेड़ों पर बची हुई फसल आधी-अधूरी ग्रोथ कर चुकी थी, तो दो बार भीषण आंधी ने नुकसान पहुंचाया। इसके बाद विशेषज्ञों ने आम दशहरी की फसल को आम आदमी की पहुंच से बाहर बताना शुरू कर दिया था। फसल बाजार में आते-आते स्थिति भी यही हो गई। इस बार मीडियम क्वालिटी के आम का भाव भी 60 रुपये से नीचे नहीं गया है। वहीं बेहतर को और ऊंचे दामों में ठेल वाले बेच लेते हैं।

थोक में भी 25 से 35 रुपये है भाव

सिकंदरा मंडी में थोक में भी दशहरी आम का भाव 25 से 35 रुपये तक है। इसमें सभी तरह के आकार और गुणवत्ता का आम सम्मिलित है।

यहां से होती है आवक

सीतापुर, मलिहाबाद, लखनऊ, एटा, कासगंज, कायमगंज, बुलंदशहर, मेरठ, सहारनपुर आदि स्थानों में दशहरी आम का उत्पादन होता है।

दूसरी मंडियों में भी जाता है दशहरी आम

आगरा में प्रतिदिन 80 से 100 छोटी-बड़ी गाडिय़ों की आवक हो रही है। गत वर्ष इन दिनों 200 और उससे अधिक गाडिय़ां आती थीं। आवक कम है और महाराष्ट्र, राजस्थान और आस-पास सप्लाई सिकंदरा मंडी से ही होती है।

इस बार दशहरी आम का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मंडी में गत वर्ष से आधी से भी कम आवक है, जो जुलाई समाप्त होने से पहले ही खत्म हो जाएगी।

गजेंद्र सिसौदिया, आढ़तिया, सिकंदरा मंडी

बाजार में दशहरी आम की उपलब्धता कम है। आम में चमक नहीं है और आकार भी छोटा दिखता है। गत वर्ष बेहतर फसल आई थी।

सत्यवीर चौधरी, ग्राहक 

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