पंजाब में बारिश से बिगड़ी फसल, आगरा में बढ़े आलू के भाव
तीन-चार दिन से लगातार आलू की कीमतों में उछाल आ रहा है। गुरुवार को थोक बाजार में आलू 1800 रुपये कुंतल बिका जबकि फुटकर में आलू 2200 रुपये कुंतल बेचा गया। पंजाब में बारिश होने से आलू की फसल खराब हो गई और खोदाई का कार्य भी थम गया।
आगरा, जेएनएन। बारिश से पंजाब में फसल खराब होने का असर आलू की कीमतों पर पड़ रहा है। तीन-चार दिन से लगातार आलू की कीमतों में उछाल आ रहा है। गुरुवार को थोक बाजार में आलू 1800 रुपये कुंतल बिका, जबकि फुटकर में आलू 2200 रुपये कुंतल बेचा गया। आढ़ती अगले 15 दिन में आलू की कीमतों में गिरावट की संभावना जता रहे हैं।
इन दिनों पंजाब से आलू की आवक मंडी में शुरू हो जाती थी। इस बार पंजाब में बारिश होने से आलू की फसल खराब हो गई और खोदाई का कार्य भी थम गया। इसलिए अभी मंडियों में पंजाब का आलू नहीं आया है। शीतगृहों से 70 फीसद आलू की निकासी हो चुकी है, जबकि 30 फीसद आलू रखा है। मार्च से लेकर पिछले सप्ताह तक आलू के रेट में बढ़ोतरी नहीं हुई थी। ज्यादातर किसानों ने आलू का सौदा व्यापारियों के हाथ शीतगृहों में ही कर दिया। 15 नवंबर तक शीतगृहों की साफ-सफाई के लिए खाली करने का समय निर्धारित है। पंजाब से आलू की आवक में देरी होने के साथ व्यापारियों ने भी आलू की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है। चार दिन पहले आलू थोक बाजार में 1200 रुपये कुंतल के भाव बिका था। गुरुवार को थोक बाजार में आलू की कीमत बढ़कर 1800 रुपये कुंतल तक पहुंच गई। आढ़ती मुकेश शर्मा ने बताया कि, पंजाब का आलू इन दिनों मंडी में आ जाता था, पर वहां बारिश होने के कारण पंजाब में फसल खराब हो गई और आलू की खोदाई नहीं हो रही है। शीतगृहों से आलू की कम निकासी हो रही है। आढ़ती चौधरी आनंद स्वरूप ने बताया कि, शीतगृहों पर ही व्यापारियों ने आलू के रेट बढ़ा दिए हैं। इसलिए मंडी में अचानक आलू में तेजी आई है। पंजाब का आलू आते ही कीमतों में गिरावट आ जाएगी। इसमें अभी दस-पंद्रह दिन का समय लगेगा। गांव कारब के किसान ओमप्रकाश सिंह ने बताया, काफी समय तक किसान आलू के रेट बढ़ने का इंतजार करते रहे। आलू बोवाई का वक्त आया, तो किसानों ने भंडार किए आलू को बेच दिया। अब आलू व्यापारियों के हाथ में है। जिला उद्यान अधिकारी जगदीश प्रसाद ने बताया कि, अभी 30 फीसद आलू शीतगृहों में रखा हुआ है। कोल्ड स्टोरेज में जो आलू रखा है, उसमें 15 प्रतिशत आलू बीज के लिए है। बाकी 15 प्रतिशत आलू की निकासी हो रही है, लेकिन बाजार में पंजाब का आलू न आने के कारण आवक कम है, ऐसे में कीमत अधिक है।