Crime Control in Lockdown: लूट की वारदातों पर लगा ब्रेक, जानिए क्या कहता है तीन माह का आंकड़ा
Crime Control in Lockdown मार्च में पांचअप्रैल में एक और मई हुईं सिर्फ वारदात। पिछले वर्ष दोगुना था लूटपाट की घटनाओं का आंकड़ा।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन ने लूट की घटनाओं पर ब्रेक लगा दिए।कोरोना के चलते लूट और चोरी के मामलों में जेल से अंतरिम जमातन पर छूटने के बावजूद घटनाओं का ग्राफ पिछले तीन साल की अपेक्षा काफी कम रहा।इसका कारण जगह-जगह चेकिंग को लगे पुलिस बैरियर और कोरोना संक्रमण का डर भी रहा।जिसने लुटेरों को नियंत्रित करने का काम किया।
कोरोना वायरस संक्रमण काे फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन हुआ था।एक सप्ताह तक पुलिस सड़कों पर सक्रिय रही।शहर की नाकाबंदी को लेकर जगह-जगह बैरियर लगाए गए।पुलिस ने लोगों को जागरूक करने की मुहिम चलाई।इस दौरान घरों से बेवहज बाहर निकलने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की।पुलिस की नाकाबंदी ने लुटेरों के कदमों पर ब्रेक लगा दिण्।उन्हें डर था कि बदमाश बाहर निकलने और बेवजह घूमते पकड़े जाने पर पुलिस कार्रवाई कर देगी।
दूसरा प्रमुख कारण लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलना भी रहा।व्यापारिक गतिविधियां ठप होने के चलते व्यापारी भी घरों से नहीं निकले।इसका नतीजा ये हुआ कि अप्रैल में एक और मई में लूट की सिर्फ दो घटनाएं हुईं।पुलिस ने अप्रैल से ही जमानत पर छूटे लूट और चोरी के आरोपितों का भौतिक सत्यापन शुरू कर दिया था।इसके चलते पूर्व में जेल जा चुके लूट और चोरी आदि घटनाओं के आरोपित वर्तमान में क्या कर रहे हैं।पुलिस के पास इसका पूरा ब्यौरा मौजूद था।इसी के चलते लूटपाट की घटनाओं पर अंकुश लगा।
तीन साल के तुलनात्मक आंकड़े
वर्ष 2020 2019 2018
महीना लूट लूट लूट
जनवरी 3 5 24
फरवरी 5 9 27
मार्च 5 8 19
अप्रैल 1 5 20
मई 2 13 8
पूर्व में जेल गए और जमानत पर आए शातिरों का थाना पुलिस द्वारा उनके घरों पर जाकर सत्यापन किया गया वर्तमान में वह क्या कर रहे हैं,कहां पर रह रहे हैं। इसकी जानकारी पुलिस के पास रही।इससे लूट की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लग सका।
बबलू कुमार एसएसपी