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CoronaVirus: Positive बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्‍कार भी नहीं था इतना आसान

हाइपोक्लोराइट के घोल से शव किया सैनेटाइज 700 डिग्री तापमान पर विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार। प्लास्टिक के डबल बैग में रखा शव। शवदाह गृह कराया गया सैनेटाइज।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 11:07 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 11:07 AM (IST)
CoronaVirus: Positive बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्‍कार भी नहीं था इतना आसान
CoronaVirus: Positive बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्‍कार भी नहीं था इतना आसान

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण का शिकार होने के बाद वृद्ध महिला की मृत्‍यु होने के बाद भी पूरी एहतियात बरती गई। उनका अंतिम संस्‍कार भी सामान्‍य प्रक्रिया से नहीं किया जा सकता था। शवदाह गृह पर पूरे बंदोबस्‍त कराए गए। गाइड लाइन के तहत विद्युत शवदाह गृह, ताजगंज में अंतिम संस्कार किया गया। परिवार के चार सदस्य ही शामिल हो सके, अंतिम संस्कार के बाद विद्युत शवदाह गृह को भी सैनेटाइज कराया गया।

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कमला नगर के मुगल रोड की कॉलोनी स्थित कोरोना संक्रमित 76 साल की बुजुर्ग महिला की एसएन मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। यहां हाइपोक्लोराइट कोरोना वायरस को नष्ट करने वाला केमिकल घोल से शव को सैनेटाइज कराया गया। शव को प्लास्टिक के दो बैग में पैक किया गया। विद्युत शवदाह गृह, ताजगंज के कर्मचारियों ने ग्लब्स, मास्क, सिर का कवर पहनने के बाद शव का चैंबर में रखा, चैंबर का तापमान 700 डिग्री रखा गया और पांच मिनट तक ब्लोअर नहीं चलाया गया। अंतिम संस्कार की पूरी प्रक्रिया होने पर करीब दो घंटे लगे, इसमें परिवार के चार सदस्य शामिल हुए।

अंतिम संस्कार के बाद राख को परिजनों को दिया जाएगा, इससे संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। अंतिम संस्कार के बाद विद्युत शवदाह गृह परिसर और शव वाहन को सैनेटाइज कराया गया। कर्मचारियों ने भी खुद को सैनेटाइज किया। विद्युत शवदाह गृह के प्रभारी संजीव गुप्ता, क्षेत्र बजाजा के मंत्री विनोद गुप्ता ने बताया कि यह पहला केस था, डॉक्टरों से जानकारी ली गई। पूरी सावधानी बरती गईं, इससे पहले यहां स्वाइन फ्लू के मरीज की मौत होने पर भी इसी तरह से अंतिम संस्कार कराया जा चुका है।

मास्क तो छोडिए, घोल ना देने पर एक घंटे तक चला विवाद

अंतिम संस्कार के लिए शव को बैग में पैक कर विद्युत शवदाह गृह भेज दिया गया। मगर, वहां अंतिम संस्कार के लिए मास्क, ग्लब्स तक नहीं भेजे गए, हाइपोक्लोराइट का घोल भेजा गया था। मगर वह शव वाहन चालक ने नहीं दिया, इसे लेकर करीब एक घंटे तक विवाद चलता रहा, घोल उपलब्ध कराने के बाद अंतिम संस्कार कराया गया।

ये हैं गाइड लाइन

- मौत के बाद पीपीई किट पहनकर शव से टयूब निकाली जाएं, इन्हें हाइपोक्लोराइट के घोल से सैनेटाइज किया जाए।

- शव से तरल पदार्थ ना निकल सके, इसके लिए प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल किया जाए।

- 700 डिग्री से अधिक तापमान पर अंतिम संस्कार किया जाए। 


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