तिरंगे में लिपटा आया लाल, जन्मदिन पर ही हुआ शहीद का अंतिम संस्कार
अरुणाचल प्रदेश में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए अमित चतुर्वेदी। एक वर्षीय पुत्र ने दी मुखाग्नि।
आगरा, जेएनएन। कागारौल के गांव बीसलपुर की सुबह सोमवार को आँसुओ में डूब गई। अरुणाचल प्रदेश में उग्रवादियों से मुठभेड़ में शहीद सैनिक अमित चतुर्वेदी का पार्थिव शरीर सुबह पौने सात बजे तिरंगा में लिपटा गांव पहुंचा। लाल के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की भीड़ गांव पहुंची। आसपास कर गांव से बड़ी संख्या में महिला और पुरुष गांव पहुंचे। सांसद राजकुमार चाहर, विधायक चौधरी उदयभान सिंह, हेमलता दिवाकर, महेश गोयल के साथ ही डीएम एन जी रविकुमार, एसएसपी अमित पाठक समेत बड़ी संख्या में अधिकारी और नेता मौके पर पहुंचे। शहीद के एक साल के भतीजे वंश ने मुखग्नि दी। अंतिम संस्कार के समय माहौल गुंजायमान रहा। युवा हाथों में तिरंगा लेकर पहुंचे और शहीद को अंतिम सलाम किया।
पिता और तीन बेटे सेना में
गांव बीसलपुर निवासी रामवीर चतुर्वेदी रिटायर्ड सूबेदार हैं। तीनों बेटे सुमित, अमित और अरुण सेना में हैं। मझले बेटे अमित एक अप्रैल 2014 को 17 पैरा फील्ड रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। दो साल से उनकी यूनिट अरुणाचल में टू-माउंटेन डिब में तैनात है। रामवीर ने बताया कि 31 मई की देरशाम अमित से फोन पर संपर्क साधा। उसने तीन जून को गांव आने के लिए रिजर्वेशन कराने की बात कही थी। इसके बाद रामवीर के पास अगली सुबह आगरा सेना मुख्यालय से फोन आया। उन्होंने उग्रवादियों से लोहा लेते वक्त रात में अमित के शहीद होने की जानकारी दी। बताया कि उनके गोली लगी है। यह सुनते ही पूरे घर में कोहराम मच गया।
अमित का जन्मदिन भी आज
भाई सुमित ने बताया कि अमित का जन्मदिवस तीन जून का है। वो जन्मदिवस परिवार के साथ मनाना चाहता था। एक जून को छुट्टी नहीं मिलने के कारण तीन का ही रिजर्वेशन करा लिया था।
महीने भर पहले हुई थी सगाई
छोटे भाई अरुण ने बताया कि अमित अप्रैल में 10 दिन की छुट्टी पर आए थे। इस दौरान उनकी सगाई हुई थी। खुशी में मित्रों को पार्टी भी दी। एक मई को अमित फिर अरुणाचल चले गए।
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