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चर्चित जवाहर बाग हिंसा का आरोपित एक मामले में बरी, जानिए क्या था पूरा मामला

किशोर न्याय बोर्ड के परिसर में पथराव कर किया था न्यायिक कार्य बाधित। जवाहर बाग हिंसा में भी था शामिल आरोपित चंदन बोस। नौ अन्य भी अदालत से बरी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 10:05 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 10:05 PM (IST)
चर्चित जवाहर बाग हिंसा का आरोपित एक मामले में बरी, जानिए क्या था पूरा मामला
चर्चित जवाहर बाग हिंसा का आरोपित एक मामले में बरी, जानिए क्या था पूरा मामला

आगरा, जेएनएन। मथुरा के चर्चित जवाहरबाग हिंसा कांड के मुख्य आरोपितों में से एक समेत 10 लोगों को अदालत ने दूसरे मामले में बरी कर दिया है। जवाहर बाग हिंसा से पहले उद्यान विभाग में कर्मचारियों से मारपीट कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने का यह मामला था। सोमवार को इस मामले में बरी हुआ चंदन बोस जवाहरबाग हिंसा के मुख्य आरोपित रामवृक्ष यादव का सबसे करीबी माना जाता है।

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किशोर न्याय बोर्ड के पेशकार पद पर तैनात शंकरराम ने थाना सदर बाजार में चार अप्रैल 2016 को मुकदमा दर्ज कराया था कि तीन बजे के करीब जवाहर बाग की तरफ से भीड़ हल्ला मचाते हुए हाथ में लाठी डंडे और पत्थर लेकर किशोर न्याय बोर्ड परिसर की तरफ आई। परिसर में पथराव करने लगे और इससे किशोर न्याय बोर्ड भवन की खिड़कियों के शीशे टूट गए। न्यायिक कार्य में बाधा डाली और दशहत का माहौल पैदा हो गया। जुवेनाइल बोर्ड की सदस्य कुंवर शशिबाला गुप्ता की गाड़ी में तोडफ़ोड़ की। इस मामले में पंजाब के लुधियाना जिले के साहिबजादा फतेह ङ्क्षसह नगर निवासी चंदन बोस, उसकी पत्नी पूनम तिवारी, बुलंदशहर के गांव भैयापुर निवासी राहुल कुमार, रमाबाई आम्बेडकर नगर के गांव बदरहा निवासी चरन सिंह, शहाजहांपुर के गांव हथौड़ा निवासी नवल किशोर मौर्य, बिजनौर के गांव मैनेड निवासी ङ्क्षप्रस कुमार, फर्रूखाबाद निवासी राजेश कुमार, बरेली के सेखनबादा निवासी प्रेमपाल, मध्यप्रदेश के सींधी जिले के गांव बंजारी निवासी रामायाण प्रसाद और बुलंदशहर के गांव वैसरोली निवासी योगेंद्र के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। आरोपितों की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एलके गौतम ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्याय कक्ष दो के मजिस्ट्रेट जहेंद्र पाल ङ्क्षसह की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। ठोस साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने राहुल कुमार, चरन ङ्क्षसह, नवल किशोर मौर्य, ङ्क्षप्रस कुमार, राजेश कुमार, प्रेमपाल, रामायण प्रसाद, योगेंद्र कुमार, चंदन बोस और पूनम तिवारी को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया है, जबकि जमानत पर चल रहे योगेंद्र और नवल किशोर के जमानत बंधपत्र भी निरस्त कर दिए हैं।  


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