हिरासत से आरोपित फरार होने पर तीन पुलिसकर्मियों को एक वर्ष का कारावास
मध्यप्रदेश में पेशी से लौटते समय ट्रेन से हथकड़ी समेत फरार हो गया था मेरठ का बदमाश शाहगंज थाने में सात वर्ष पहले लिखा गया था मुकदमा आरोपित नहीं हुआ कोर्ट में पेश
आगरा, जागरण संवाददाता। पुलिस हिरासत से आरोपित के फरार होने के मामले में अदालत ने लापरवाह पुलिसकर्मियों को दोषी पाया। स्पेशल सीजेएम सुधा यादव ने हिरासत से आरोपित के फरार होने के मामले में तीन सिपाहियों को एक वर्ष का कारावास और छह हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
शाहगंज थाने में वर्ष 2014 में मुकदमा दर्ज हुआ था। सिपाही दिनेश तिवारी, यतेंद्र कुमार और बृजेश कुमार पुलिस लाइन मेरठ में तैनात थे। दस दिसंबर 2014 को पुलिसकर्मी बागपत के अपराधी विक्की उर्फ विक्रांत को मध्य प्रदेश के शाजापुर में कोर्ट में पेश कराने के लिए जिला कारागार मेरठ से लाए थे। आरोपित को कोर्ट में पेश कराने के बाद 11 दिसंबर 2014 को सुजालपुर स्टेशन से ट्रेन से पहले भोपाल लाए। यहां हबीबगंज एक्सप्रेस से वापस मेरठ ले जा रहे थे। 12 दिसंबर की सुबह साढ़े पांच बजे ट्रेन से आगरा पहुंचे। आगरा कैंट से आधा किलोमीटर आगे आने पर आरोपित हथकड़ी सहित चलती ट्रेन से कूदकर फरार हो गया था।
मामले में विक्की के अलावा कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरतने पर सिपाही दिनेश तिवारी, यतेंद्र कुमार और बृजेश कुमार के खिलाफ धारा 223, 224 के तहत थाना शाहगंज में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले के विचारण के दौरान आरोपित विक्की उर्फ विक्रांत के अदालत में हाजिर न होने पर उसकी पत्रावली अदालत ने प्रथक कर दी। तीनों पुलिसकर्मियों को दोषी पाते हुए एक साल के साधारण कारावास और छह हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। तीनों सिपाही बुलंदशहर के रहने वाले हैं। पुलिस अभी तक भागे अपराधी को गिरफ्तार नहहीं कर सकी है। यह सबसे बड़ी विफलता है।