मोतियाबिंद का अंधेरा झेलने को मजबूर कर रहे 'लैंस', जानिए रोशनी की दुनिया की हकीकत
फेको विधि से ऑपरेशन आसान हो गए हैं कुछ घंटे बाद ही मरीज डिस्चार्ज कर दिए जाते हैं। मगर मोतियाबिंद के ऑपरेशन का खर्चा बढ़ गया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। हाथ कांपने लगे और जेब खाली, अक्सर उम्र के इस पड़ाव पर जिंदगी में मोतियाबिंद का अंधेरा घेरने लगता है। ऐसे में एक अदद लैंस की कीमत सुन बुजुर्ग कदम ठिठक रहे हैं, वे मोतियाबिंद के अंधेरे के बाद भी ऑपरेशन टाल रहे हैं।
60 की उम्र के बाद मोतियाबिंद का अंधेरा छाने लगता है। अब फेको विधि से ऑपरेशन आसान हो गए हैं, कुछ घंटे बाद ही मरीज डिस्चार्ज कर दिए जाते हैं। मगर, मोतियाबिंद के ऑपरेशन का खर्चा बढ़ गया है। निजी क्लीनिक पर मोतियाबिंद के मरीजों को लैंस के रेट बताकर ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इस रेट में ही ऑपरेशन का खर्चा शामिल होता है, लेकिन समझाते समय यह दर्शाया जाता है कि ऑपरेशन का चार्ज नहीं है। सामान्य लैंस, फोल्डेवल लैंस सहित अत्याधुनिक लैंस की कीमत पांच हजार से 25 हजार रुपये तक बताई जा रही है। मोतियाबिंद के एक ऑपरेशन का चार्ज छह से 18 हजार रुपये तक लिया जा रहा है। इस रेट को सुनने के बाद तमाम मरीज मोतियाबिंद के ऑपरेशन टाल रहे हैं। वहीं, अधिकांश मरीज एक आंख का ऑपरेशन कराने के बाद दूसरी के मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने से बच रहे हैं।
उधर, अंधता निवारण अभियान के तहत जिला अस्पताल में फेको विधि से ऑपरेशन किए जा रहे हैं। यहां ओरालैब कंपनी के फोल्डेवल लैंस 300 रुपये में सप्लाई किए जा रहे हैं। यही लैंस बाजार में पांच से आठ हजार रुपये में मरीजों के प्रत्यारोपित किए जा रहे हैं।
लैंस की कीमत में ऑपरेशन का
खर्चा
लैंस सप्लाई करने वाली कंपनियों की संख्या एक दर्जन से अधिक है। इसमें ओरोलैब सहित कई कंपनी सस्ते लैंस सप्लाई करती हैं। वहीं, इंटरनेशनल एल्कोन कंपनी के रेट सबसे अधिक हैं। इन लैंस की एमआरपी और थोक रेट में बड़ा अंतर है। इस अंतर से डॉक्टर सर्जरी और फेको विधि से ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल होने वाले सामान का खर्चा निकाल रहे हैं।
ये है निजी क्लीनिक का खर्चा
लैंस की थोक कीमत - 500 से 15000 रुपये
फेको विधि में इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमत - चार से छह हजार रुपये
सर्जरी का चार्ज - पांच से आठ हजार रुपये
ये है हाल
-हर साल अंधता निवारण अभियान के तहत किए जा रहे निश्शुल्क ऑपरेशन - पांच से छह हजार (एसएन और जिला अस्पताल में हो रहे ऑपरेशन)
-हर साल निजी अस्पतालों में किए जा रहे ऑपरेशन - 10 से 12 हजार रुपये (40 नेत्र रोग विशेषज्ञ)
अंधता निवारण अभियान के तहत फेको विधि से निश्शुल्क ऑपरेशन किए जा रहे हैं, इसमें भी अच्छी गुणवत्ता वाले लैंस इस्तेमाल किए जाते हैं। निजी क्लीनिक से मोतियाबिंद के ऑपरेशन का ब्योरा मांगा जा रहा है, लेकिन रेट निर्धारित करने का कोई नियम नहीं है। कुछ संस्थाएं भी निश्शुल्क ऑपरेशन करा रही हैं।
डॉ. मुकेश वत्स, सीएमओ
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