CoronaVirus: बढ़ी मुसीबत, संक्रमण नहीं, यहां तो मार रहा इंतजार
CoronaVirus रिपोर्ट ना आने से गंभीर मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज। 24 घंटे की जगह आठ दिन बाद भी नहीं आ रही रिपोर्ट।
आगरा, जागरण संवाददाता। इलाज के लिए कोरोना की रिपोर्ट चाहिए। मगर, 24 घंटे में आनी वाली रिपोर्ट आठ दिन बाद भी नहीं मिल रही है। इससे मरीजों की मौत होने लगी है, सैंपल की रिपोर्ट के लिए लोग जिला अस्पताल में चक्कर लगा रहे हैं। घंटों इंतजार के बाद रिपोर्ट ना आने की जानकारी देकर लौटाया जा रहा है।
केस वन- इंद्रानगर न्यू आगरा निवासी 43 साल के भरत सिंह के एसएन में 11 मई को सैंपल लेकर घर भेज दिया, रिपोर्ट नहीं आइ, निजी अस्पताल में भी इलाज नहीं मिला और मौत हो गई।
केस टू- बल्केश्वर निवासी 52 साल के कपडा व्यवसायी के जिला अस्पताल में सैंपल लिए गए, उनकी मौत हो गई। स्वजन रिपोर्ट के लिए चक्कर लगाते रहे। मगर, रिपोर्ट नहीं मिली है।
अप्रैल के अंतिम सप्ताह से कोरोना के सैंपल की जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही हैं, यहां से केजीएमयू, एसएन और जालमा संस्थान सैंपल भेजे जा रहे हैं। इन लैब से आनलाइन इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम आइडीएसपी की वेबसाइट पर रिपोर्ट अपलोड कर दी जाती है। सैंपल की संख्या बढने के साथ ही रिपोर्ट भेजने से लेकर प्राप्त होने और सैंपल देने वालों को रिपोर्ट की जानकारी देने में गडबडी होने लगी है। इसके चलते आइडीएसपी की वेबसाइट भी बंद हो गई, लैब से आने वाली रिपोर्ट का डाटा स्थानीय स्तर पर सही तरह से दर्ज नहीं किया गया। इसके चलते मई में लिए गए सैंपल की रिपोर्ट लोगों को नहीं मिल सकी हैं। आइडीएसपी की वेबसाइट पर रिजल्ट अवेटेड लिखा है। कुछ केस में मोबाइल नंबर और नाम गलत दर्ज करने से भी रिपोर्ट पता नहीं लग रही हैं। कुछ लोगों के सैंपल कहां भेजे गए, यह ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। इसके लिए कई टीमें लगाई गई हैं।
कोरोना की जांच न्यूनतम 12 और अधिकतम 24 घंटे में
कोरोना के सैंपल लैब तक पहुंचने के बाद न्यूनतम 12 घंटे और अधिकतम 24 घंटे में रिपोर्ट दी जा सकती है। एक लैब में 250 से 300 सैंपल की जांच हो सकती है, रिपोर्ट आनलाइन भेजी जाती है, इसलिए समय नहीं लगना चाहिए।
अभी तक लिए गए 10171 सैंपल
आगरा में कोरोना का पहला पॉजिटिव केस दो मार्च को आया था, इसके बाद कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढती गई। यहां 10171 सैंपल लिए जा चुके हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है, जिससे कोरोना के सैंपल की रिपोर्ट जल्द आ सके।
डॉ आरसी पांडे, सीएमओ
गर्भवती की मौत, इलाज ना मिलने का आरोप
कोरोना के संक्रमण में गर्भवती महिलाओं की इलाज ना मिलने से मौत हो रही है। शुक्रवार को स्वजन नौ महीने की गर्भवती को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी लेकर पहुंचे। आरोप है कि यहां डॉक्टरों से देखने के लिए कहा, उन्होंने चेकअप तक नहीं किया और लेडी लॉयल जिला महिला चिकित्सालय ले जाने के लिए कह दिया। कुछ देर बाद ही मौत हो गई।
टीला नंदलाल निवासी 24 साल की ममता नौ महीने की गर्भवती थी, उसे गुरुवार रात को प्रसव पीडा होने लगी। तबीयत बिगडने पर शुक्रवार सुबह स्वजन एसएन इमरजेंसी लेकर पहुंचे। यहां उनसे लेडी लॉयल ले जाने के लिए कह दिया, गर्भवती की तबीयत बिगडती चली गई। स्वजनों ने डॉक्टर से चेकअप करने के लिए कहा। आरोप है कि कोई देखने तक नहीं आया, कुछ देर बाद ही मौत हो गई।