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अगर आपका बच्चा भी हो गया है कोरोना संक्रमित तो पढ़ें ध्यान से ये निर्धारित दवाएं

Coronavirus in Agra तीसरी लहर की चपेट में बच्चे भी। कोरोना संक्रमित बच्चों का पैरासीटामोल और मल्टीविटामिन से इलाज। ठीक हो रहे बच्चे। कोरोना की तीसरी लहर में 180 बच्चे हो चुके हैं संक्रमित। दवा देने के लिए बनाइ गइ बच्चों की तीन श्रेणियां।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 03:33 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 03:33 PM (IST)
अगर आपका बच्चा भी हो गया है कोरोना संक्रमित तो पढ़ें ध्यान से ये निर्धारित दवाएं
कोरोना की तीसरी लहर में 180 बच्चे हो चुके हैं संक्रमित।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना की चपेट में बच्चे भी आ रहे हैं। बच्चों का पैरासीटामोल और मल्टीविटामिन देकर इलाज किया जा रहा है, इससे बच्चे ठीक हो रहे हैं। कोरोना संक्रमित और कोरोना के लक्षण वाले बच्चों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमित बच्चों को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है।

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रैपिड रेस्पोंस टीम प्रभारी, डिप्टी सीएमओ डा.नंदन सिंह ने बताया कि शून्य से 12 साल तक के बच्चों को तीन श्रेणी में बांटते हुए और 12 साल से ऊपर वालों के लक्षणों के आधार पर जरूरी दवाओं के सेवन की सलाह दी है । इसके तहत शून्य से 12 माह, एक से पांच साल और छह से 12 साल तक के बच्चों की तीन श्रेणी बनाई गई है और लक्षणों के आधार पर व कोरोना पाजिटिव होने की स्थिति में निर्धारित दवाओं के सेवन की सलाह दी गई है ।

मेडिकल किट में शामिल दवाएं

शून्य से 12 माह तक के शिशुओं के लिए निर्धारित दवाएं 

लक्षण युक्त शिशु (जिनका कोविड टेस्ट रिजल्ट अभी ज्ञात नहीं है या टेस्ट नहीं हुआ है) तथा पाजिटिव शिशु जिनको केवल बुखार है, उनके लिए दी जा रही किट में पैरासिटामाल ड्राप (100 मिग्रा प्रति मिली.) की दो शीशी, मल्टी विटामिन ड्राप की एक शीशी और ओआरएस का एक पैकेट शामिल है । पैरासिटामाल ड्राप बुखार आने की स्थिति में बच्चे को देना है और ध्यान रहे इसे खाली पेट नहीं देना है । शून्य से दो माह तक के शिशु को पैरासिटामाल ड्राप दिन में तीन बार देना है, तीन से छह माह तक के शिशु को एक मिली. दिन में तीन बार और सात से 12 माह के शिशु को एक मिली. दिन में चार बार बुखार आने पर देना है । मल्टी विटामिन की ड्राप छह माह तक के शिशुओं को नहीं देना है, सात से 12 माह तक के शिशु को 0.5 मिली. सात दिन तक देना है । इसके अलावा दस्त की स्थिति में ओआरएस का घोल थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दें ।

एक से पांच वर्ष के लिए 

पैरासिटामाल सिरप (बुखार आने पर दें, ध्यान रहे खाली पेट नहीं देना है)- एक से दो वर्ष के बच्चे को पांच मिली। छह घंटे के अंतराल पर दिन में चार बार, दो से तीन वर्ष को 10 मिली. आठ घंटे के अंतराल पर दिन में तीन बार, तीन से पांच वर्ष के बच्चे को 10 मिली. छह घंटे के अंतराल पर दिन में चार बार देना है। मल्टीविटामिन सिरप- एक से दो वर्ष के बच्चे को ढाई मिली. रात को एक बार, दो से पाँच वर्ष तक के बच्चे को ढाई मिली. सुबह और रात को सात दिन तक देना है । ओआरएस का घोल दस्त आने पर देना है ।

छह से 12 वर्ष के लिए 

टैबलेट पैरासिटामाल (500 मिलीग्राम) बुखार आने पर आधी गोली दिन में तीन बार (खाली पेट नहीं देना है)-आठ घंटे के अंतराल पर, टैबलेट आइवरमेक्टिन छह मिलीग्राम-रात को खाना खाने के एक घंटे बाद एक गोली तीन दिन तक, मल्टीविटामिन टैबलेट- रात को सोने से पहले एक गोली सात दिन तक, ओआरएस का घोल दस्त आने पर देना है ।

12 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए 

टैबलेट पैरासिटामाल (650 अथवा 500 मिलीग्राम) की 15 गोली-पाँच दिन के लिए, टैबलेट आइवरमेक्टिन 12 मिलीग्राम पाँच दिन के लिए पाँच गोली-रात के खाने के बाद (गर्भवती व धात्री महिलाओं और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना है), टैबलेट एजिथ्रोमायिसिन-500 मिलीग्राम पाँच दिन के लिए पाँच गोली, टैबलेट विटामिन-सी, टैबलेट, विटामिन बी काम्प्लेक्स, विटामिन डी । इन दवाओं के सेवन के साथ ही सांस संबंधी व्यायाम, योग व प्राणायाम करने की सलाह दी गई है । तीन से चार लीटर प्रतिदिन हल्का गर्म या गुनगुना पानी पियें और दिन में तीन से चार बार आक्सीजन सेचुरेशन पर ध्यान दें । आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद से अधिक होना चाहिए । 


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