CoronaVirus in Agra: एसएन में प्लाज्मा डोनेट, पुणे में एंटीबॉडी की जांच
CoronaVirus in Agra प्लाज्मा में कितनी एंटीबॉडी है इसकी जांच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) पुणे में की जा रही है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों का प्लाज्मा थैरेपी से इलाज किया जा रहा है। इसमें कोरोना से ठीक हो चुके लोगों का प्लाज्मा चढ़ाया जाता है। प्लाज्मा में कितनी एंटीबॉडी है, इसकी जांच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी), पुणे में की जा रही है।
एसएन मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थैरेपी से एक मरीज ठीक हो चुका है, एक और मरीज को थैरेपी दी जा रही है। वहीं, निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी देने के लिए एसएन में प्लाज्मा डोनेट कराया जा रहा है। प्लाज्मा के सैंपल एनआइवी, पुणे भेजे जा रहे हैं, वहां प्लाज्मा में एंटीबॉडी कितनी है, यह जांच की जा रही है। इसके आधार पर प्लाज्म थैरेपी से कोरोना के इलाज पर आइसीएमआर शोध कर रहा है।
उधर, एसएन में शुक्रवार को नयति हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज के स्वजनों ने प्लाज्मा डोनेट करने के लिए गुदड़ी मंसूर खां निवासी रोबिन जैन से संपर्क किया। उन्होंने एसएन में प्लाज्मा डोनेट किया। एसएन में 14 प्लाज्मा डोनेट हो चुके हैं।
1:640 डायल्यूशन में चेक की जा रहीं एंटीबॉडी
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गाइड लाइन के तहत एनआइवी, पुणे में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के प्लाज्मा में एंटीबॉडी देखी जा रही है। ये 1:640 डायल्यूशन में होनी चाहिए।
4 माह तक डोनेट कर सकते हैं प्लाज्मा
एसएन की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नीतू चौहान ने बताया कि कोरोना से ठीक हो चुके लोग 28 दिन से चार महीने के अंतराल पर प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। यहां 1301 मरीज ठीक हो चुके हैं, लेकिन 14 ने ही प्लाज्मा डोनेट किया है। उन्होंने लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की है।