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CoronaVirus Breakdown: एक ही दिन में कराए 08 प्रसव, जिंदगियां बना रही ये गायनिक टीम

कोरोना की वजह से चारों ओर फैली निराशा के बीच लाॅक डाउन में जन्मे 84 से अधिक बच्चों की किलकारियां उम्मीद की किरण से कम नहीं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 05:32 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 10:32 AM (IST)
CoronaVirus Breakdown: एक ही दिन में कराए 08 प्रसव, जिंदगियां बना रही ये गायनिक टीम
CoronaVirus Breakdown: एक ही दिन में कराए 08 प्रसव, जिंदगियां बना रही ये गायनिक टीम

आगरा, जागरण संवाददाता। एक तरफ जहां कोरोना की वजह से जिंदगियां तबाह होने का खतरा है तो वहीं दूसरी ओर रेनबो हाॅस्पिटल में डा. जयदीप मल्होत्रा-डा. नरेंद्र मल्होत्रा जिंदगियां बनाने में लगे हैं। रेनबो हाॅस्पिटल में उन्होंने एक ही दिन में आठ बच्चों का जन्म कराया। इससे पहले वे एक ही दिन में 14 प्रसव कराने का रिकाॅर्ड बना चुके हैं, लेकिन कोरोना काल में किसी निजी हाॅस्पिटल के लिए एक ही दिन में 08 प्रसव किसी उपलब्धि से कम नहीं है। कोरोना की वजह से चारों तरफ फैले निराशा के माहौल में लाॅक डाउन के बीच इस अस्पताल में अब तक जन्मे 84 से अधिक बच्चे किसी उम्मीद की कुछ किरण की तरह हैं। संकट के इस समय में डा. नरेंद्र मल्होत्रा के साथ उनकी टीम में डा. मनप्रीत शर्मा, डा. निहारिका मल्होत्रा, डा. शैमी बंसल, डॉ अनीता यादव, ओटी इंचार्ज जितेंद्र सुखरानी (गुड्डू), प्रीति का पूरा सहयोग रहा। बाहर से आईं डॉ संगीता मेहरोत्रा और डॉ संगीता चतुर्वेदी ने भी एक-एक प्रसव कराए।

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घबराए हुए थे, किलकारी गूंजी तो मिली राहत

परिवार में खुशियों की किलकारियां गूंजीं तो परिवारीजनों के चेहरे पर कृतज्ञता के भाव दिखे। सभी का कहना था कि कोरोना की वजह से वे घबराए हुए थे, लेकिन रेनबो हाॅस्पिटल और यहां की टीम का समर्पण भाव सराहनीय है।

नए माता-पिता के लिए सलाह

बच्चों का जन्म कराने के बाद नए बने माता-पिताओं को रेनबो हाॅस्पिटल में विशेषज्ञों द्वारा कोरोना से बचाव की सलाह देकर ही घर भेजा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल कहीं से ऐसी कोई खबर नहीं है कि कोविड-19 से संक्रमित किसी गर्भवती महिला से उसके गर्भ में मौजूद भ्रूण या हाल में जन्मे बच्चे तक यह वायरस पहुंचा है। फिलहाल ये वायरस किसी गर्भवती महिला के गर्भ में मौजूद तरल या ब्रेस्ट मिल्क में नहीं पाया गया है। लेकिन हां किसी संक्रमित महिला से यह नवजात में तब पहुंच सकता है जब वह एहतियात न बरते। नई माताएं अपने नवजात को जब भी दूध पिलाएं तो एन-95 मास्क पहनें। कोशिश करें कि सांस के संपर्क में बच्चे को न आने दें। दूध पिलाते वक्त उसे हाथों से ज्यादा टच न करें, पहले अच्छी तरह साबुन से हाथ धोएं। अगर आपको फ्लू के लक्षण हैं तो ब्रेस्ट मिल्क को किसी अलग बर्तन में निकालकर नवजात को पिला सकते हैं। बच्चे को अधिक लोगों की गोद में न दें। परिवार के लोग भी अभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। रिश्तेदारों को कहें कि वे भी अभी आने-जाने से बचें। 


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