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बिना काटे ही आंसू निकाल रही प्याज, रसोई में 40 फीसद घटा 'तड़का' Agra News

आगरा की मंडी में तुर्की से आई प्‍याज पहुंची लेकिन फिर भी नहीं घटे दाम। 1600 कुंतल से घटकर 300 कुंतल रह गई खपत।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 02:07 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 02:07 PM (IST)
बिना काटे ही आंसू निकाल रही प्याज, रसोई में 40 फीसद घटा 'तड़का' Agra News
बिना काटे ही आंसू निकाल रही प्याज, रसोई में 40 फीसद घटा 'तड़का' Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। खाने का जायका बढ़ाने वाली प्याज करीब दो माह से ताजनगरीवासियों की रसोई का बजट बिगाड़ रही है। यहां बिना काटे ही प्याज लोगों के 'आंसू' निकाल रही है। दो माह के भीतर प्याज के दाम दोगुने से अधिक पहुंच गए हैं। ऐसे में अधिकांश लोग प्याज से दूरी बनाने लगे हैं।

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आगरा में प्याज की खपत में करीब 40 फीसद की कमी दर्ज की गई है। नवंबर के शुरुआत में जहां करीब 1600 कुंतल प्याज की खपत रोजाना होती थी, दिसंबर में वह 300 कुंतल रह गई है। दाम की बात करें तो दो माह पहले जो भाव 25 रुपये प्रति किलो थे, वह अब 100 रुपये तक पहुंच चुके हैं। सिंकदरा स्थित फल एवं सब्जी मंडी में तुर्की की प्याज की आवक होने के बाद भी इसके दाम नही घट रहे हैं।

आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों में शुमार प्याज अब दाम में वृद्धि के कारण पहुंच से बाहर हो गई है। 100 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही प्याज लोगों के दैनिक बजट में फिट नहीं बैठ रही है। ऐसे में लोगों को मजबूरन प्याज से दूरी बनानी पड़ रही है। व्यापारियों को भी प्याज की बिक्री कम होने से चिंता सताने लगी है। कई व्यापारियों ने निराशा जताते हुए प्याज को घाटे का सौदा बताया। थोक व्यापारी भी कम मात्रा में प्याज मंगवा रहे हैं, जिसके चलते सिकंदरा मंडी में प्याज की आवक लगातार घट रही है। हालांकि मंडी के अधिकारी यहां के व्यापारियों को अधिक मात्रा में प्याज मंगवाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में प्याज के दामों में नरमी आएगी और आगरावासी खाने में भरपूर प्याज का प्रयोग करेंगे।

पिछले दिन की स्थिति

दिनांक, मात्रा, दर

आठ दिसंबर,300,90-100

सात दिसंबर,287,90-100

छह दिसंबर,302,100

पांच दिसंबर,201,100

चार दिसंबर,336,90-100

तीन दिसंबर,316,90

दो दिसंबर,151,100

एक दिसंबर,340,100

30 नवंबर,330,100

29 नवंबर,310,90

28 नवंबर,368,100

(मात्रा कुंतल में, जबकि रुपये प्रति किलो फुटकर में है।)

इंदौर व अलवर से हो रही आपूर्ति

मंडी समिति सचिव शिव कुमार राघव का कहना है कि नासिक से प्याज न आने के कारण सिंकदरा मंडी पूरी तरह से इंदौर और अलवर पर निर्भर है। हालांकि, दिल्ली से अफगानिस्तान व तुर्की का प्याज भी मंगवाया जा रहा है, लेकिन इसकी डिमांड बेहद कम है। ऐसे में इंदौर व अलवर का प्याज ही अधिक बिक रहा है। आगरा में प्याज की खपत में गिरावट आ रही है। उसी के अनुरूप व्यापारी प्याज आयात की डिमांड देते हैं। व्यापारी दीपक व राजकुमार का कहना है कि दाम अधिक होने के कारण प्याज की बिक्री कम हो गई है, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। नासिक का प्याज आने के बाद दाम घटेंगे तो खपत भी स्वत: ही बढ़ जाएगी। 


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