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Agra News: उपभोक्ता आयोग ने आगरा में 41 दिन में पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाया, टोरंट पावर से जुड़ा था मामला

छत्ता निवासी मोहम्मद कदीर ने उपभोक्ता आयोग द्वितीय में 27 अप्रैल को प्रस्तुत किया था परिवाद। टोरंट ने भेजा था 55642 मूलधन और 2.22 लाख रुपये ब्याज का नोटिस। जनवरी से 2022 से काट रखा था कनेक्शन आयोग ने छह जून को परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया मुकदमा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 11 Jun 2022 09:52 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jun 2022 09:52 AM (IST)
Agra News: उपभोक्ता आयोग ने आगरा में 41 दिन में पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाया, टोरंट पावर  से जुड़ा था मामला
आगरा में उपभाेक्ता आयोग ने टाेरंट पावर को ग्राहक के पक्ष में कार्य करने के आदेश किए हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। तारीख पर तारीख से इतर उपभोक्ता आयोग द्वितीय ने पीड़ित को 41 दिन में त्वरित इंसाफ दिलाया। उपभोक्ता द्वारा नियमित रूप से विद्युत बिल का भुगतान करने के बावजूद टोरंट ने उसे 55,642 रुपये मूलधन और 2.22 लाख रुपये से अधिक ब्याज के बकाया भुगतान का नोटिस भेज दिया था। भुगतान नहीं करने की कहकर जनवरी 2022 में विद्युत कनेक्शन काट दिया।

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मामले में पीड़ित ने अधिशासी अभियंता शहरी विद्युत वितरण खंड और टोरंट पावर के संबंधित अधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए 27 अप्रैल को उपभोक्ता आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया था। उपभोक्ता आयोग द्वितीय के अध्यक्ष आशुतोष, सदस्यों राजीव और पारूल कौशिक ने 41 दिन में मामले को निस्तारित करते हुए एकमुश्त समाधान योजना के तहत ब्याज की समस्त धनराशि को समाप्त करते हुए मूलधन 55,642 रुपये का भुगतान पांच समान किस्त में करने के आदेश किए।

ये है मामला

छत्ता के काला महल स्थित काजी गली निवासी मोहम्मद कदीर ने परिवाद पेश किया था। प्रस्तुत परिवाद के अनुसार वादी वर्ष 1992 में उनकी पत्नी के नाम मकान की रजिस्ट्री हुई थी। जिसके बाद से वह बिजली के बिल का लगातार भुगतान कर रहे हैं। वर्ष 1994 में उनकी पत्नी का निधन हो गया। पत्नी के निधन के बाद वह मकान के उत्तराधिकारी होने के नाते बिजली के बिलों का लगातार भुगतान करते आ रहे थे। उनके पास जमा किए गए बिल की रसीदें नहीं थीं। भुगतान एवं बिल जमा कराने की जिम्मेदारी उनके बडे़ बेटे की थी। जिसकी दो साल पहले मौत हो गई।

परिवादी ने एक अप्रैल 2010 तक लगातार बिजली के बिलों का भुगतान किया। एक अप्रैल 2010 से टोरंट पावर आ गई। उसका कनेक्शन शहरी विद्युत खंड से टोरंट पावर में स्थानांतरित हो गया। वह टोरंट पावर को भी बिजली के बिल का नियमित भुगतान कर रहा था।

शहरी विद्युत वितरण खंड द्वारा गलत तरीके से दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एरियर को टोरंट पावर कंपनी के बिल में दिखाया जा रहा था। जिस पर परिवादी ने समय-समय पर आपत्ति करते हुए अवगत कराया गया कि उसने सारे बिलों का भुगतान कर दिया है। शहरी विद्युुत वितरण खंड द्वारा उसकी समस्या का समाधान नहीं किया गया।

उसे एकमुश्त समाधान योजना से भी अवगत नहीं कराया गया। वह जनवरी 2022 तक नियमित बिल जमा करता रहा। टोरंट पावर द्वारा एक अप्रैल 2010 से जनवरी 2022 के दौरान कभी भी शहरी विद्युत वितरण खंड के विद्युत बिल के भुगतान के बारे में नहीं कहा गया। बिना किसी नोटिस के जनवरी 2022 में उसका विद्युत कनेक्शन काट दिया। जिसके बाद से वह बिना बिजली के रह रहा है। 


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