एक वर्ष में नहीं ढूंढ़ सके पेट्रोल पंपों की घटतौली के सुबूत
एसटीएफ ने पकड़ा था घटतौली का खेल, दर्ज हुए थे 24 मुकदमे,आरटीआइ से मांगी सूचना में दी आठ मुकदमों की जानकारी
आगरा, जागरण संवाददाता। पेट्रोल पंपों की घटतौली का खेल पकड़े जाने के एक साल बाद भी विवेचना अटकी पड़ी हैं। आरटीआइ से मांगी गई सूचना में अधिकांश थानों से जानकारी नहीं दी गई। पुलिस ने आठ मुकदमों की पुलिस द्वारा दी गई जाच में एक में भी चार्जशीट नहीं लगाई गई।
फरवरी 2017 में एसटीएफ ने संबंधित विभागों संग आगरा में कई पेट्रोल पंपों पर छापे मारे थे। इस दौरान जिन पेट्रोल पंपों पर घटतौली पाई गई उनमें तो मुकदमे हुए ही। वे भी नहीं बख्शे गए जिनके पल्सर में छेड़छाड़ प्रतीत हो रही थी। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत पेट्रोल पंप संचालकों के खिलाफ कई थानों में 24 मुकदमे दर्ज किए गए। इनकी विवेचना तकनीकी रिपोर्ट के कारण अटकी हुई थी। पेट्रोल पंपों से कब्जे में ली गई पल्सर को जांच के लिए कंपनियों की लैब में भेजा गया। लगभग एक साल बाद अधिकतर की रिपोर्ट आ चुकी है। दैनिक जागरण ने एसएसपी कार्यालय से आरटीआइ से सूचना मांगी। 26 दिसंबर को मिले जवाब में केवल आठ मुकदमों की ही जानकारी दी गई। इनमें से ताजगंज, एत्माद्दौला, खंदौली, पिनाहट और छत्ता में दर्ज एक-एक मुकदमे की विवेचना को पुलिस साक्ष्य संकलित करने के नाम पर अटकाए हुए है। जगदीशपुरा थाने में दर्ज तीन मुकदमों में से दो में पुलिस अंतिम रिपोर्ट लगा चुकी है, जबकि एक की विवेचना लंबित है। अन्य थानों में दर्ज मुकदमों में क्या हुआ? इसका जवाब ही पुलिस के पास नहीं है।
जिन पेट्रोल पंपों के पल्सर में छेड़छाड़ मिली थी। उन सभी में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट लगाई जाएगी। किसी भी प्रकार से घटतौली करने वाले बच नहीं पाएंगे।
- अमित पाठक, एसएसपी