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आगरा की हवा जहरीला कर रहे निर्माण कार्य, सीपीसीबी की रिपोर्ट में खुली कलइ

निर्माण कार्यों ने बढ़ाई हवा में एसपीएम की मात्रा। सीपीसीबी ने वर्ष 2020 व 2021 की तुलना कर जारी की रिपोर्ट। पीएम2.5 व पीएम10 की मात्रा में कमी लेकिन मानक से अधिक रहे। रिपोर्ट में मेट्रो स्मार्ट सिटी सीवर लाइन आदि के लिए सड़कें खाेदने को जिम्मेदार बताया।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 05:26 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 05:26 PM (IST)
आगरा की हवा जहरीला कर रहे निर्माण कार्य, सीपीसीबी की रिपोर्ट में खुली कलइ
निर्माण कार्यों के कारण हर दिन शहर में बढ़ रहा प्रदूषण।

आगरा, जागरण संवाददाता। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी रिपोर्ट ने निर्माण कार्यों में सरकारी विभागों द्वारा बरती गई लापरवाही की कलई खोलकर रख दी है। ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग और नुनिहाई स्थित आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशनों पर हवा में घुले श्वसनीय निलंबित कणों (एसपीएम) की मात्रा बढ़ी हुई दर्ज की गई। अति सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) और धूल कणों (पीएम10) की मात्रा में कमी जरूर आई, लेकिन इसके बावजूद वो मानक से अधिक रहे।

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सीपीसीबी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग और नुनिहाई स्थित मैनुअल स्टेशन पर वायु गुणवत्ता की जांच प्रतिदिन की जाती है। चारों स्टेशनों पर एकत्र आंकड़ों के वार्षिक औसत के आधार पर सीपीसीबी ने वर्ष 2020 व 2021 का तुलनात्मक अध्ययन कर रिपोर्ट जारी की है। एसपीएम का वार्षिक औसत वर्ष 2020 की अपेक्षा वर्ष 2021 में सभी मानीटरिंग स्टेशनों पर बढ़ा हुआ दर्ज किया गया। सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में इसके लिए आगरा में चल रहे निर्माण कार्यों, जैसे मेट्रो, स्मार्ट सिटी, सीवर लाइन व पानी की पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कें खाेदने को जिम्मेदार बताया है। सल्फर डाइ-आक्साइड (एसओटू) निर्धारित मानक के अंदर रहा। नाइट्रोजन डाइ-आक्साइड (एनओटू) की मात्रा में ताजमहल को छोड़कर अन्य तीनों स्टेशनों पर 2020 की अपेक्षा वर्ष 2021 में वृद्धि दर्ज की गई।

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में पीएम2.5 की औसत रेंज 81 से 106 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और पीएम10 की औसत रेंज 134 से 207 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही। वर्ष 2020 की अपेक्षा पीएम2.5 और पीएम10 दोनों वर्ष 2021 में कम रहे। हालांकि पीएम2.5 और पीएम10 के वार्षिक औसत से यह कहीं अधिक रहे। मानक के अनुसार पीएम2.5 40 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और पीएम10 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए।

सीपीसीबी के प्रभारी अधिकारी कमल कुमार ने बताया कि निर्माण कार्यां की वजह से शहर में एसपीएम की मात्रा में वृद्धि हुई है। वर्ष 2021 में पीएम2.5 और पीएम10 की मात्रा में कमी जरूर आई, लेकिन यह मानक के दो से तीन गुना तक अधिक रहे।

सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार मानीटरिंग स्टेशनों पर स्थिति

ताजमहल

वर्ष, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

2019, 5, 19, 96, 148, 267

2020, 5, 18, 100, 143, 234

2021, 4, 17, 81, 134, 243

एत्माद्दौला

वर्ष, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

2019, 5, 27, 124, 155, 323

2020, 5, 23, 100, 160, 288

2021, 5, 24, 90, 151, 293

रामबाग

वर्ष, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

2019, 5, 23, 92, 161, 308

2020, 5, 20, 110, 142, 251

2021, 5, 25, 106, 148, 277

नुनिहाई

वर्ष, एसओटू, एनओटू, पीएम2.5, पीएम10, एसपीएम

2019, 5, 28, 112, 213, 413

2020, 5, 25, 108, 187, 366

2021, 6, 29, 102, 207, 420

वार्षिक मानक

एसओटू: 20 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

एनओटू: 30 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

पीएम2.5: 40 माइक्राेग्राम प्रति क्यूबिक मीटर

पीएम10: 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर 


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