Blood Donation: 17वीं बार यह सिपाही बना जीवन रक्षक, एक फोन पर पहुंचा मदद को आगे
कंट्रोल रूम से ये इवेंट मिलते ही कांस्टेबल सुंदर सिंह आनन- फानन ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान किया।
आगरा, जागरण संवाददाता। गुरुवार दोपहर बाद करीब दो बजे यूपी 112 पर कॉल पहुंची-'साहब, कांस्टेबल सुंदर सिंह से कह दें, मेरे बेटे के लिए खून दे दें। मेरे बेटे की जान बच जाएगी। कंट्रोल रूम से ये इवेंट (पीआरवी की भाषा में इस संदेश को इवेंट ही कहा जाता है) मिलते ही कांस्टेबल सुंदर सिंह आनन- फानन ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान किया। बेटे के पिता एक सिपाही की ये इंसानियत देख गदगद हो गए। रक्त का जंबो पैक लेकर अस्पताल आए और अपने बेटे का इलाज कराया।
अलीगढ़ के दादों थाना क्षेत्र के नगला हंस निवासी किसान यशपाल यादव के सात दिन का बेटा आगरा के एक अस्पताल में भर्ती था। गुरुवार को उसकी तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टर ने रक्त के जंबो पैक की जरूरत जताई। हर ओर से निराश यशपाल अस्पताल के बाहर रो रहे थे, तभी किसी ने उन्हें पीआरवी(पुलिस रेस्पोंस व्हीकल) पर तैनात कांस्टेबल सुंदर सिंह के बारे में बताया। यशपाल ने यूपी 112 पर डायल कर यही गुहार की- साहब, कांस्टेबल सुंदर सिंह से कह दें, मेरे बेटे के लिए खून दे दें।
दूसरी पीआरवी पर पहुंच गया इवेंट
कांस्टेबल सुंदर सिंह बताते हैं कि यूपी 112 पर ये ईवेंट दूसरी पीआरवी पर पहुंच गया, मगर ईवेंट सुन उन्हें ट्रांसफर कर दिया गया। सुंदर सिंह की तैनाती उस समय वाटर वक्र्स चौराहे पर थी। ईवेंट मिलते ही सुंदर सिंह तत्काल सीधे कमलानगर स्थित ब्लड बैंक पहुंचे, रक्तदान दिया। जंबो पैक लेकर यशपाल सीधे अस्पताल आए और बेटे का इलाज कराया।
17वीं बार किया रक्तदान
कांस्टेबल सुंदर सिंह ने यह 17वीं बार रक्तदान किया है। उन्होंने वाट्सएप पर ग्रुप भी बना रखा है। इस पर तमाम पुलिसकर्मी और अन्य लोग जुड़े हैं। जरूरतमंद की जानकारी होते ही ये खून देने पहुंच जाते हैं। इस बार भी ईवेंट मिलते ही सुंदर सिंह तत्काल सीधे कमलानगर स्थित ब्लड बैंक पहुंचे, रक्तदान दिया। जंबो पैक लेकर यशपाल सीधे अस्पताल आए और बेटे का इलाज कराया।