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जनसभा को कांग्रेसियों ने बताया फ्लॉप शो, करोड़ों खर्च कर हो रहींं रैलियां Agra News

देश में पहली बार संसद में पारित कानून पर सत्ता पक्ष भाजपा को जनता के विरोध के कारण करोड़ों रुपये खर्च कर रैलियां करनी पड़ रही हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 08:46 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 08:46 AM (IST)
जनसभा को कांग्रेसियों ने बताया फ्लॉप शो, करोड़ों खर्च कर हो रहींं रैलियां Agra News
जनसभा को कांग्रेसियों ने बताया फ्लॉप शो, करोड़ों खर्च कर हो रहींं रैलियां Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। कोठी मीना बाजार मैदान में गुरुवार को भाजपा की नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में हुई जनसभा को कांग्रेसियों ने फ्लॉप शो बताया है।

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कांग्रेस के शहर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार चिल्लू ने कहा कि देश में पहली बार संसद में पारित कानून पर सत्ता पक्ष भाजपा को जनता के विरोध के कारण करोड़ों रुपये खर्च कर रैलियां करनी पड़ रही हैं। यह भाजपा की अपने आप में रोचक व हास्यास्पद स्थिति को बयां करती हैं। देश व प्रदेश की बदतर हालत के लिए भाजपा दोषी है। वो महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी, देश की गिरती अर्थव्यवस्था, देश व प्रदेश में बढ़ते अपराध, महिलाओं में असुरक्षा की भावना जैसे मुद्दों से जनता को कब तक तब भ्रमित करेगी। वहीं, शब्बीर अब्बास ने कहा कि जनसभा की विफलता ने साबित कर दिया है कि भाजपा का मूल जनाधार भी सीएए के खिलाफ है। जब आगरा में शीत लहर का प्रकोप था, तब स्कूलों में छुट्टी नहीं की गई। जनसभा के लिए स्कूल बंद करवा दिए, जबकि मौसम ठीक था। अच्छा होता यह जनसभा महंगाई, बेरोजगारी व आर्थिक मंदी पर होती।

काले कपड़ों में एंट्री रही बंद

सीएए जनसमर्थन सभा के विरोध को लेकर पुलिस-प्रशासन ने अतिरिक्त सतर्कता बरती। समर्थन की आड़ में कोई विरोधी काले झंडे न फहरा दे, इस आशंका के चलते जनसभा में किसी को भी काले कपड़े पहनकर प्रवेश नहीं दिया, जो भूलवश काले कपड़े पहनकर आ भी गए, उन्हें भी कपड़े उतारने के बाद ही प्रवेश दिया गया।

भाजपा की सीएए समर्थन जनसभा को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ लोगों में भी खासा उत्साह था, लिहाजा लोग हजारों की संख्या में कोठी मीना बाजार पहुंचे। इनमें महिलाओं की संख्या भी काफी थी। लेकिन तमाम लोगों को उस समय मायूस होना पड़ा, जब पुलिस ने सभा के गेट पर चैकिंग के दौरान उन्हें काली जैकेट, स्वेटर, पैंट, साफी, शर्ट, टी-शर्ट आदि पहन कर सभा में प्रवेश नहीं दिया। इसके कारण कई महिलाएं और पुरुष तो लौट गए, लेकिन जिन्हें सभा में शामिल होना ही था, उन्होंने स्वेटर या जैकेट उतार कर कहीं और रखा, इसके बाद सभा में वक्ताओं के भाषण सुने।  


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