मंंदिर को कब्जा मुक्त कराने को धरने पर बैठे लोग, दे रहे धर्म परिवर्तन की धमकी Agra News
मथुरा में आंबेडकर पार्क और लड्डू गोपाल मंदिर पर कब्जे का मामला।
आगरा, जेएनएन। मथुरा में जमीन और मंदिर कब्जे को लेकर जाटव समाज के लोगों ने धरना दिया। लोगों का कहना था कि यदि उनके पुरखों की जमीन पर किसी और ने कब्जा किया तो वो लोग धर्म परिवर्तन करने को मजबूर होंगे।
दरअसल आंबेडकर पार्क और लड्डू गोपाल महाराज मंदिर पर कोर्ट के आदेश पर जब एक महिला कब्जा लेने पहुंची तो जाटव समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इतना ही नहीं धरने पर बैठे समाज के 182 के लोगों ने साफ कर दिया कि अगर उनके पुरखों के मंदिर और आंबेडकर पार्क पर दूसरे लोगों ने कब्जा किया तो वह धर्म परिवर्तन कर लेंगे। इसकी जानकारी होने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी डीग गेट के मनोहरपुरा स्थित जाटव बस्ती पहुंचे, जहां उन्होंने समाज के लोगों को समाझाने की कोशिश की, लेकिन लोग समझने को तैयार नहीं है।
सोमवार को जाटव समाज सेवा समिति के जिलाध्यक्ष कृष्ण गोपाल ने बताया कि यहां साढ़े चार हजार जाटव समाज की आबादी के बीच में एक मंदिर है। वर्ष 1960 में उनके समाज के मंदिर पर नारायण दास और उनके शिष्य निरंजीदास रहा करते थे। नारायणदास की मृत्यु के बाद चिरंजीदास अपने साथ एक बाई डल्लों को रखने लगे। डल्लो अपनी बहन की बेटी गीता को साथ रखने लगी। जिन्होंने धीमी धीमे जमीन पर अपना मालिकाना हक पेश कर दिया। मंदिर से 15 दुकान लगी हुई हैंं। जिनकी आय समाज और मंदिर पर होने वाले कार्यक्रमों में खर्च की जाती है। गीता और उसके पति देवदत्त ने तहसील के लोगों के साथ मिलकर कागजों में हेरफेर करा लिया। अब यह लोग पार्क और मंदिर पर अपना कब्जा बता रहे हैं। हंगामा होने पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने जमीन पर विद्यादेवी की पुत्री गीता का कब्जा कराने के निर्देश दिए है। हम न्यायालय के आदेश का पालन कर रहे हैं।
वहीं गीता देवी के अधिवक्ता कुश पांडेय ने बताया कि न्यायालय में वर्ष 1976 मामला विचाराधीन है। हर बार गीता के पक्ष में ही कोर्ट ने फैसला सुनाया है। अब उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत को आदेश जारी किया है कि वह गीता को कब्जा दिलाए, जिसको लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।
न्यायालय के आदेश का पालन कराने के लिए हम मनोहरपुरा पहुंचे थे, जहां कुछ लोग धर्मपरिवर्तन की बात कह रहे थे। उन्हें समझाया गया है।
मनोज कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट